फ्यूल चार्ज के नाम पर लगातार चौथी बार बिजली हुई महंगी

देहरादून : फ्यूल चार्ज के नाम पर इस वित्तीय वर्ष में लगातार चौथी बार बिजली महंगी हुई है। इसके तहत जनवरी से मार्च तक की तिमाही में अलग-अलग उपभोक्ता श्रेणियों में तीन से आठ पैसे प्रति यूनिट तक की वृद्धि कर दी है।

दरअसल, राज्य की जलविद्युत परियोजनाओं से उत्पादित बिजली से राज्य की मांग पूरी नहीं होती। ऐसे में उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) केंद्रीय पूल व अन्य स्रोतों से बिजली लेता है। यह बिजली कोयले और गैस से उत्पादित होती है।

यूईआरसी कोयले और गैस की बिजली के लिए धनराशि की स्वीकृति देता है। कई बार कोयले और गैस के दामों में उछाल के चलते बिल निर्धारित धनराशि से अधिक बनता है।

ऊर्जा निगम के प्रवक्ता एके सिंह ने बताया कि अक्टूबर से दिसंबर तक की तिमाही में फ्यूल चार्ज 19 करोड़ रुपये निकला है, जिसकी वसूली मार्च तक उपभोक्ताओं से की जाएगी।

5.72 फीसद बढ़ा था टैरिफ

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने वर्ष 2017-18 के लिए बिजली दरों में 5.72 फीसद की बढ़ोत्तरी की थी। अप्रैल से जून, जुलाई से सितंबर की तिमाही में भी फ्यूज चार्ज निकला था, जिसे वसूला गया। अगस्त में टैरिफ में 3.81 फीसद की वृद्धि भी हुई थी।

यह पनबिजली परियोजनाओं पर लगने वाले उपकर एवं रॉयल्टी के मानक में बदलाव, वैकल्पिक ऊर्जा दायित्व की पूर्ति के लिए रिन्व्यूबल एनर्जी सर्टिफिकेट खरीद के चलते हुआ था। इसके अतिरिक्त अप्रैल से जून, जुलाई से सितंबर, अक्टूबर से दिसंबर तक की तिमाही में भी फ्यूल चार्ज का भार पड़ा।

किस श्रेणी पर कितना अतिरिक्त भार

बीपीएल श्रेणी, छह पैसे

घरेलू, छह पैसे

अघरेलू, आठ पैसे

पब्लिक लैंप,12 पैसे

एलटी उद्योग, सात और आठ पैसे

एचटी उद्योग, सात पैसे

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