देहरादून: वैसे तो यूईआरसी रेग्युलेशन में निर्धारित 30 दिन की अवधि में भी बिजली कनेक्शन नहीं मिल पाता। खैर, इस बीच ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने अधिकारियों को सख्ती के साथ कहा है कि जहां लाइन बनाने या ट्रांसफार्मर स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है, वहां इस्टीमेट के अनुसार धनराशि जमा होने के 48 घंटे के भीतर कनेक्शन जारी कर दिया जाए।
दरअसल, उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) के रेग्युलेशन में निर्धारित अवधि के भीतर कनेक्शन नहीं देने पर ऊर्जा निगम पर जुर्माने का प्रावधान है। अब तक कनेक्शन में देरी पर 14 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लग चुका है। निगम कई बार जुर्माना माफ करने की याचिका दायर कर चुका है, जिसे हर बार आयोग ने खारिज कर दिया। साथ ही जुर्माने की रकम समय पर जमा नहीं कराने की स्थिति में प्रबंध निदेशक के खिलाफ एक्शन लेने की चेतावनी भी आयोग ने दी है।
इसके बाद से प्रबंध निदेशक ने कनेक्शन जारी करने की व्यवस्था में सुधार को यह कदम उठाया है। उन्होंने बताया कि न्यूनतम अवधि 24 और अधिकतम अवधि 48 घंटे निर्धारित की जाएगी। अगर ठेकेदार के स्तर से कनेक्शन देने में देरी होगी तो पेनल्टी लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी भी कनेक्शन कार्य ठेके पर है। लेकिन, जहां सिर्फ लाइन से सीधे सर्विस केबल के माध्यम से कनेक्शन दिया जा सकता है, उसका कांट्रैक्ट अलग से किया जाएगा। एक कनेक्शन पर करीब 200 से 250 रुपये का खर्च आएगा।
समय पर दिए जाएं कनेक्शन
प्रबंध निदेशक ने बताया कि जहां कनेक्शन देने के लिए अतिरिक्त कार्य भी होने हैं, वहां भी रेग्युलेशन में निर्धारित अवधि के भीतर कनेक्शन देना सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
प्रभावी मॉनिटरिंग होगी
प्रबंध निदेशक ने बताया कि लंबित कनेक्शनों की संख्या शून्य करने का लक्ष्य है। मुख्यालय स्तर से इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी और समीक्षा भी। ये भी देखा जाएगा कि जो कनेक्शन समय पर जारी नहीं हो रहे, उनका मुख्य कारण क्या है।