देहरादून। बेटी की हत्या कर उसके दो टुकड़े करने वाली हत्यारी मां की जेल में पहली रात कुछ यूं बीती। वह महिला कैदियों से रातभर बस एक ही बात करती रही। सौतेली बेटी की हत्या में जेल गई मीनू कारागार में भी खुद को सही साबित करने में लगी रही। उसने महिला बंदियों से बातचीत में बेटी प्राप्ति सिंह को ही गलत साबित करने की कोशिश की। उसने कहा कि ‘मैं नहीं, प्राप्ति ही गलत थी।’ एक महिला बंदी ने जरूर मीनू को यह नसीहत दी कि बेटी जैसी भी थी, उसे मारकर तुमने खुद अपने बुरे दिनों को न्योता दे दिया। जेल की पहली रात मीनू के लिए बैचेनी भरी रही। सौतेली बेटी प्राप्ति सिंह की हत्या में मीनू कौर नौ फरवरी को गिरफ्तार हुई थी। थाने में पहली रात महिला पुलिस कर्मियों के बीच गुजरी थी। मीनू रात भर उन्हें अपनी जिंदगी से जुड़े प्रसंगों को सुनाती रही। 10 फरवरी को तीसरे पहर मीनू कौर को कोर्ट में पेश किया गया। शाम छह बजे के बाद वह सुद्धोवाला कारागार में दाखिल हो पाई। कागजी खानापूर्ति में देरी होने के कारण महिला बंदियों से उसकी बात नहीं हो पाई। महिला जेल सूत्राें का कहना है कि जेल की चारदीवारी में मीनू काफी बैचेन रही। देर रात तक वह जेल की दीवारों को एक टक देखती रही। सुबह के वक्त वो सो गई। रविवार को सुबह हुई तो महिला बंदियाें ने उसके बारे में जानने के लिए उसे घेर लिया। पहला सवाल था, कौन से अपराध में आई हो। दबी जुबान से बेटी की हत्या की बात बताई तो महिला बंदी चौक गईं। एक नहीं एक साथ कई सवाल हुए। मीनू कौर ने अपने ही अंदाज में इनके जवाब दिए। खुद को सही ठहराने के साथ मीनू बेटी प्राप्ति की छवि को गलत बताने की कोशिश में जुटी रही। कत्ल कर दी गई प्राप्ति के शव का रविवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद प्राप्ति के पार्थिव शरीर को परिजन रविवार सुबह हरिद्वार ले गए। पहले अंतिम क्रिया इलेक्ट्रॉनिक शव दाह गृह में होनी थी, मगर किन्हीं कारणों से वह उपलब्ध नहीं हो सका। बाद में खरखड़ी शमशान घाट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।