पुरोला, उत्तरकाशी : केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह ने पर्यावरण की आड़ में परियोजनाओं का विरोध करने वालों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि ‘जो भी परियोजना बन रही हैं, उनमें पर्यावरण का ध्यान रखा जा रहा है, लेकिन कुछ लोग विदेशों से पैसा लेकर विरोध करते हैं। इससे परियोजनाओं का निर्माण रुक जाता है।’
शुक्रवार को उत्तरकाशी जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र मोरी में 60 मेगावाट की नैटवाड़ जल विद्युत परियोजना का शिलान्यास करते हुए सिंह ने कहा कि यह परियोजना उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। प्रदेश में लंबित जल विद्युत परियोजनाओं पर उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पर चिंता जताई थी।
उन्होंने एलान किया कि इस परियोजना से शुरुआत हो चुकी है। कहा कि अक्सर देखने में आ रहा है कि पर्यावरण के नाम पर परियोजनाओं का विरोध हो रहा है। पर्यावरण की उनसे ज्यादा चिंता हमें है। हम पर्यावरण के अग्रणी सेनानी हैं। विकसित देशों को उदाहरण देते हुए ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि अपने संसाधनों का उपयोग कर वे देश यहां तक पहुंच पाए। कहा कि उन्होंने कहा कि पर्यावरण के साथ विकास भी जरूरी है, बच्चों को अच्छी शिक्षा जरूरी है। अगर मनुष्य ही नहीं रहेगा तो पर्यावरण का क्या करना। उन्होंने ने कहा कि मई 2018 तक उत्तराखंड के सभी गांवों में बिजली पहुँच जाएगी।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि परियोजना के निर्माण से प्रदेश की आर्थिकी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट से स्थानीय युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
केंद्रीय ऊर्जा सचिव अजय कुमार भल्ला ने बताया कि परियोजना की 12 फीसद बिजली उत्तराखंड को मिलेगी और एक फीसद राजस्व मोरी क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाएगा। इसके अलावा तीन गांवों के 64 प्रभावित परिवारों को दस साल तक प्रतिमाह 100 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी।
समारोह में टिहरी की सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा, पुरोला के विधायक राजकुमार, गंगोत्री विधायक गोपाल रावत, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, केंद्रीय जल विद्युत की संयुक्त सचिव अर्चना अग्रवाल, उत्तराखंड की ऊर्जा सचिव राधिका झा और टीएचडीसी केसीएमडी डीबी सिंह मौजूद थे।
चारा पत्ती जमा करने को हर घर में बनेगा टीन शेड
केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह ने एलान किया कि क्षेत्र में आगजनी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हर घर में चारा पत्ती जमा करने के लिए अलग से टीन शेड बनाया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार 15 करोड़ रुपये देगी। दरअसल, उत्तरकाशी के इस इलाके में लकड़ी के मकान हैं और लोग घर के आगे ही चारा पत्ती एकत्र कर रखते हैं, जिससे अक्सर आग लग जाती है और जनधन की हानि होती है।
नैटवाड़ जल विद्युत परियोजना पर एक नजर
स्थान-रुपिन और सुपिन नदी का संगम
क्षमता- 60 मेगावाट
लागत- 648.33 करोड़
टनल की लंबाई-4.3 किमी
निर्माण एजेंसी- सतलुज जल विद्युत निगम
कुल अधिग्रहीत भूमि-7.156 हे.
प्रभावित परिवार-94
अवधि-वर्ष 2021 तक होगी पूरी