देहरादून: सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर दलित संगठनों के बंद पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति तेज हो गई है। विपक्ष ने इसकी आड़ में केंद्र व प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया। कांग्रेस ने जहां इस बंद का कारण केंद्र के लापरवाह रवैये को ठहराया है तो वहीं बसपा ने बंद के दौरान हुए उपद्रव के लिए कांग्रेस व भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उधर, भाजपा ने इस पर विपक्षी दलों पर राजनीतिकरने का आरोप लगाते हुए कहा कि दलितोत्थान के लिए सबसे अधिक कार्य भाजपा ने ही किया है।
सोमवार को दलित संगठनों की ओर से आहूत बंद पर सुबह से ही राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हुई थी। हालांकि प्रदेश के एक जिले में ही इसका ज्यादा असर देखा गया। पर्वतीय क्षेत्रों में तो इस बंद का असर नहीं हुआ, लेकिन मैदानी क्षेत्रों विशेषकर हरिद्वार जिले में बंद समर्थक खासे सक्रिय रहे। दोपहर तक तकरीबन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा बंद शाम को अचानक ही भड़क गया। सियासी पार्टियों ने भी मौका नहीं चूका और शुरू हो गया एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला।
मुख्यमंत्री ने की अपील
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्विटर के जरिये अपील करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में एससी-एसटी एक्ट में किए गए बदलाव को लेकर पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। सभी से अनुरोध है कि वे शांति बनाए रखें। भाजपा और सरकार सबका साथ व सबका विकास के मूलमंत्र का अनुसरण कर रही है और समाज के हर वर्ग को समर्पित है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि संगठनों ने जो भारत बंद का आह्वान किया, वह केंद्र के रवैये की वजह से किया गया। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने मजबूती से पैरवी नहीं की। अब भारत बंद के दबाव में आकर केंद्र सरकार को पुनर्विचार के लिए बाध्य होना पड़ा।
बसपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी चरण सिंह का कहना है कि बंद शांतिपूर्ण व सफल रहा। दलितों में जागृति पैदा हुई है। वे अपने मान सम्मान की लड़ाई लड़े हैं। पूरा बंद अमन चैन व शांति से हुआ है। कांग्रेस व भाजपा के इशारे पर कुछ उपद्रवी तत्वों ने आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास किया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। वैसे भी रिव्यू के लिए सरकार कोर्ट जा चुकी है। जहां तक केंद्र सरकार की बात है तो जितना अधिक कार्य हमारी सरकार ने देश में दलितोत्थान के लिए किए हैं, उतने किसी ने नहीं किए। इस मामले में विपक्ष केवल राजनीतिक रोटियां सेंक रहा है।