देहरादून: सचिवालय में डीजल-पेट्रोल चालित टैक्सियों का इस्तेमाल अब गुजरा वक्त बनने जा रहा है। जल्द ही इलेक्ट्रिक कारें ‘सेडान’ सचिवालय के भीतर और बाहर दौड़ती-भागती नजर आएंगी। ग्रीन दून की मुहिम के तहत राज्य सरकार पहले चरण में 20 इलेक्ट्रिक कारों को उपयोग में लाने जा रही है। इसके लिए तीन विकल्पों पर करार पर विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ग्रीन दून की मुहिम के तहत 20 इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग की घोषणा कर चुके हैं। इस घोषणा पर अब अमल किया जा रहा है। इसके लिए सरकार और ‘सेडान’ निर्माता कंपनी ईएसएल के बीच बातचीत चल रही है। इन वाहनों का उपयोग सचिवालय में किया जाएगा। वर्तमान में सचिवालय में राज्य संपत्ति महकमे के जरिये बड़ी संख्या में निजी टैक्सियों का उपयोग किया जा रहा है। दून में प्रदूषण का सबब बन रही इन टैक्सियों को बाय-बाय करने की तैयारी है।
राज्य संपत्ति के जरिये सचिवालय में पहले चरण में इलेक्ट्रिक कारों का उपयोग किया जाएगा। खास बात ये है कि सेडान कंपनी उक्त वाहनों के लिए चार्जिंग सेटअप भी सचिवालय में लगाएगी। कंपनी की ओर से सरकार को तीन विकल्प भी दिए गए हैं। एक विकल्प के रूप में 11.80 लाख प्रति वाहन की दर से कारों की खरीद की जाए। दूसरे विकल्प के रूप में कंपनी 20 हजार रुपये मासिक प्रति कार किराये पर देने को तैयार है। इसमें वाहन चालक की व्यवस्था सरकार को करनी होगी।
तीसरे विकल्प के रूप में कंपनी 38 हजार रुपये प्रति कार किराये में कार और चालक दोनों मुहैया कराएगी। इन वाहनों की चार्जिंग में इस्तेमाल होने वाली बिजली का खर्च राज्य सरकार को ही वहन करना होगा।
सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा ने बताया कि पहले चरण में 20 इलेक्ट्रिक कारों का उपयोग करने पर विचार किया जा रहा है। उक्त तीन विकल्पों में जो भी मुफीद होगा, मंथन के बाद उसे अंतिम रूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा पर जल्द अमल किया जाएगा