खत्‍म हो सकता है फ्री बैंकिंग का दौर, हर सर्विस के लिए देना होगा पैसा

नई दिल्‍ली, एजेंसी।  बैंक से फ्री सर्विस मिलने का दौर खत्‍म हो सकता है। यानी जो सर्विस अभी  बैंक से आपको फ्री में मिल रही है, उस पर आप को चार्ज चुकाना होगा। यही नहीं यह चार्ज आपको पिछले 5 साल में किए गए ट्रांजैक्शन पर भी देना होगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि  इनकम टैक्‍स विभाग ने बैंकों को नोटिस देकर उन फ्री सर्विसेज पर टैक्‍स देने को कहा है जो बैंक कस्‍टमर को मुहैया कराते हैं। जैसे बहुत से बैंक कुछ अकाउंट पर मिनिमम अकाउंट बैलेंस चार्ज नहीं लेते हैं। यानी इन अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेन्‍टेन करना जरूरी नहीं है। या अभी एटीएम ट्रांजैक्शन पर एक लिमिट तक आपको फ्री में यह सेवाएं मिलती है।

बैंकों को  रिजर्व बैंक से उम्‍मीद 

एक प्राइवेट बैंक के वरिष्‍ठ अधिकारी  से बातचीत में इनकम टैक्‍स विभाग से टैक्‍स नोटिस मिलने की पुष्टि की है। अधिकारी ने कहा कि इनकम टैक्‍स विभाग ने पिछले 5 साल की अवधि के लिए टैक्‍स डिमांड की है। इसमें से चार साल सर्विस टैक्‍स लागू था बाकी एक साल से बैंक सर्विसेज पर जीएसटी लागू है। उन्होंने कहा, ‘ऐसे में हम कस्‍टमर से पिछले 5 साल का चार्ज कैसे वसूल सकते हैं। उम्‍मीद है कि रिजर्व बैंक इस मामले में हस्‍तक्षेप करेगा।’

6 हजार करोड़ रुपए तक हो सकता है टैक्‍स 

डायरेक्‍टोरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स इंटेलिजेंस ने बैंकों को टैक्‍स डिमांड का नोटिस भेजा है। अनुमान है कि यह टैक्‍स लगभग 6 हजार करोड़ रुपए तक हो सकता है। आने वाले समय में कुछ और बैंकों को भी इसी तरह का नोटिस भेजा जा सकता है। इनकम टैक्‍स विभाग के एक अधिकारी के अनुसार इनकम टैक्‍स के पास अधिकार है कि वह पिछले 5 साल के सर्विस टैक्‍स के मामलों को खोल सकता है।

ग्राहकों की कटेगी जेब 

बैंक अधिकारी के मुताबिक अगर फ्री सर्विसेज पर पिछले 5 साल की अवधि के लिए टैक्‍स देना पड़ता है तो इसका बोझ ग्राहकों पर ही पड़ेगा। बैंक इसकी भरपाई ग्राहकों से करेंगे। अगर इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट अपने इस कदम पर कायम रहता है तो बैंकों से ग्राहकों को फ्री सर्विस मिलने का दौर खत्‍म हो सकता है। 

 

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