रुद्रप्रयाग : बदरीनाथ की भांति केदारनाथ पैदल मार्ग पर भी इस बार देश-विदेश से आने वाले यात्री बर्फ और हिमखंडों का दीदार नहीं कर पाएंगे। बीते वर्ष तक यात्री गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच पांच से छह स्थानों पर हिमखंडों के बीच से गुजरते थे, लेकिन इस बार पैदल रास्ते से हिमखंड गायब हैं।
बीते वर्षों में केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद यात्रियों के लिए बर्फ से लकदक पहाडिय़ों के साथ पैदल मार्ग में आए हिमखंड आकर्षण का केंद्र हुआ करते थे। खासकर रामबाड़ा के पास, छोटी लिनचोली व बड़ी लिनचोली के बीच, लिनचोली से छानी कैंप तक और इसके आगे लगभग दो किमी पैदल रास्ते में तीन से चार फीट तक बर्फ पड़ी रहती थी। इस बर्फ के बीच से गुजरकर ही यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंचते थे।
केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती बताते हैं कि केदारपुरी में दूर-दूर तक बर्फ नजर नहीं आ रही है। वह कहते हैं समुद्रतल से 11500 फीट की ऊंचाई पर इस तरह के बदलाव भविष्य के अच्छा संकेत नहीं माने जा सकते।
कम बर्फबारी के कारण आकार नहीं ले पाए हिमखंड
देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार इस बार सर्दियों में बारिश कम होने के साथ ही बर्फबारी भी कम हुई है। उन्होंने कहा कि इसे ग्लोबल वार्मिंग का असर कहा जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस बार केदारनाथ समेत पूरे चारधाम क्षेत्र में बर्फबारी पहले की तरह नहीं हुई। मार्च में गिरी बर्फ भी तापमान में हुई वृद्धि के कारण टिक नहीं पाई।
केदारनाथ में तापमान की स्थिति (डिग्री सेल्सियस में)
तिथि———अधिकतम———न्यूनतम
24 अप्रैल——-21—————–02
23 अप्रैल——-19—————–02
22 अप्रैल——-17—————–01
21 अप्रैल——-18—————–02