नई दिल्ली। उत्तर भारत में आंधी और तूफान ने भयंकर तबाही मचा रखी है और अब भी कुदरत के कहर का खतरा बना हुआ है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में आंधी और तूफान में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई घायल हो गए। ये तूफान कितना प्रभावशाली था इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि जड़ों सहित पेड़ उखड़ गए, लोगों के मकान ढह गए। यहां तक की आंधी-तूफान अपने साथ बिजली के खंभों को भी उड़ा ले गए। इस कुदरती कहर से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्य उत्तर प्रदेश और राजस्थान हैं। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 72 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में फिर से धूल भरी आंधी आ सकती है।इन इलाकों में चक्रवात की स्थिति बन रही है। इसका असर राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में पड़ सकता है। मई की भीषण गर्मी के बीच अचानक आए तूफान और बवंडर ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में जमकर कहर बरपाया है। सबसे ज्यादा नुकसान उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हुआ है। दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश में भी काफी क्षति हुई है। कुल 127 लोगों की मौत होने की सूचना है। इनमें 73 मौतें उत्तर प्रदेश में, 36 राजस्थान में और 18 आंध्र प्रदेश में हुई हैं। इन राज्यों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा असर आगरा, बरेली, पीलीभीत, सहारनपुर, चित्रकूट और बिजनौर में पड़ा है। सबसे ज्यादा 43 मौतें आगरा में हुईं। इसके अलावा बिजनौर में 3, सहारनपुर में 2, बरेली, चित्रकूट, रायबरेली और उन्नाव में एक-एक लोगों की मौत हुई है। तूफान में कई जानवरों को भी चोटें आईं हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित जिलों के अधिकारियों को आंधी-तूफान और बारिश से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत और मुआवजा पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को मृतकों के परिजनों को 400,000 रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। राजस्थान के कुछ हिस्सों में तेज आंधी में 36 लोगों की मौत हो गई और लगभग 100 अधिक लोग घायल हो गये। आपदा प्रबंधन और राहत सचिव हेमंत कुमार गेरा ने बताया कि प्रदेश के मत्स्य क्षेत्र में बुधवार रात आई तेज आंधी में कई मकान ढह गए और बिजली के कई खंबे और पेड़ उखड़ गये। इससे कई लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गये। उन्होंने बताया कि तेज आंधी ने मुख्य रूप से तीन जिलों को प्रभावित किया है। इसके कारण प्रदेश के भरतपुर में 12 लोगों की, धौलपुर में 10 लोगों की और अलवर में पांच लोगों की मौत हो गई। गेरा के मुताबिक, आंधी प्रभावित लोगों को जिला प्रशासन के आकस्मिक कोष से राशि जारी की गई है। मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा, 60 फीसद तक घायल हुए लोगों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा, 40 से 50 फीसद तक घायल हुए लोगों को 60-60 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।वहीं, बारिश के चलते बुधवार शाम को उत्तराखंड में यात्रियों को केदारनाथ और सोनप्रयाग में रोका गया। केदारनाथ और रुद्रप्रयाग में बुधवार दोपहर तीन बजे से बिजली नहीं है। हाईवे पर पेड़ गिरे हैं। बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन की भी खबर है।