दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए बल्लीवाला में एक और फ्लाईओवर के निर्माण की संभावना

देहरादून: बल्लीवाला फ्लाईओवर पर होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पूर्व में बने फ्लाईओवर के समानांतर दूसरे फ्लाईओवर निर्माण की संभावना तलाशी गई है। नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद बल्लीवाला फ्लाईओवर को फोरलेन में तब्दील करने या डबल ब्रिज निर्माण को लेकर फिजिबिलिटी सर्वे शुरू किया गया था। इसकी जिम्मेदारी टेक्निकल कंसल्टेंसी सर्विसेज को दी गई थी। कंपनी ने सर्वे पूरा कर लिया है और बल्लीवाला में एक और फ्लाईओवर (डबल ब्रिज) निर्माण को सबसे उपयुक्त बताया गया है। हालांकि, मुख्य अभियंता राजमार्ग हरिओम शर्मा ने फ्लाईओवर को मौजूदा फ्लाईओवर के बायीं या दायीं तरफ बनाने को लेकर गुण-दोष का भी समावेश करने को कहा है।

मुख्य अभियंता हरिओम शर्मा के अनुसार, कंसल्टेंट ने रिपोर्ट सौंपने से पहले उसके बारे में चर्चा की थी। कंसल्टेंट ने बताया कि यदि फ्लाईओवर को बल्लूपुर चौक से आते हुए बायीं तरफ बनाया जाता है तो इसकी जद में नहर और सीवर लाइन आ रही है। ऐसे में इनकी शिफ्टिंग में बजट बढ़ जाएगा। यदि फ्लाईओवर दायीं तरफ बनाया जाता है तो बल्लीवाला चौक से आगे सिर्फ सीवर लाइन को शिफ्ट करने की जरूरत होगी। जबकि, कुल जमीन अधिग्रहण दोनों तरफ एक समान रहेगा। यह रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी जानी है, लिहाजा कंसल्टेंट को निर्देश दिए गए हैं कि वह दोनों तरफ की स्थिति का आकलन गुण-दोष के आधार पर कर लें। ताकि यह भी स्पष्ट हो सके कि किस तरफ निर्माण में अधिक सहूलियत रहेगी। इसके बाद रिपोर्ट कंसल्टेंट से प्राप्त कर शासन को भेज दी जाएगी। फ्लाईओवर निर्माण पर अगला निर्णय हाईकोर्ट के आदेश के अधीन रहेगा।

जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे 90 करोड़

मुख्य अभियंता हरिओम शर्मा के मुताबिक, जमीन अधिग्रहण पर करीब 90 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। क्योंकि जिस भी तरफ फ्लाईओवर बनेगा, वहां करीब 7000 वर्गमीटर भूमि का अधिग्रहण करना होगा। साथ ही यूटिलिटी शिफ्टिंग का खर्च भी इसमें जोड़ा गया है।

निर्माण में खर्च होंगे 20 करोड़
फ्लाईओवर निर्माण में जमीन अधिग्रहण के मुकाबले काफी कम खर्च आएगा। यह राशि करीब 20 करोड़ रुपये आंकी गई है।

फ्लाईओवर बना तो यह रहेगा स्वरूप

लंबाई, करीब 800 मीटर

दोनों तरफ एप्रोच रोड, करीब 100-100 मीटर

चौड़ाई, 8.50 मीटर (डबल लेन)
वन-वे हो जाएगा ट्रैफिक

यदि बल्लीवाला में एक और फ्लाईओवर का निर्माण किया गया तो पुराने और नए फ्लाईओवर में ट्रैफिक का संचालन वन-वे के रूप में किया जाएगा। जबकि अभी महज डबल लेन फ्लाईओवर पर ही दोनों तरफ का ट्रैफिक गुजरता है। इसी कारण यहां पर हादसे भी बढ़ रहे हैं।

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