नई दिल्ली । कर्नाटक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है, इस फैसले को भाजपा के लिए झटका भी कहा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कल यानि शनिवार शाम चार बजे येद्दयुरप्पा को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। कोर्ट का यह फैसला एक तरह से कांग्रेस और जेडीएस के लिए राहत लेकर आया है और कांग्रेस ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताने में भी देर नहीं लगायी। हालांकि भाजपा की ओर से इसका विरोध करते हुए कुछ समय और मांगा गया, लेकिन कोर्ट ने इसके लिए इन्कार कर दिया। भाजपा के वकील सात दिन का समय चाहते थे।
कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि जब तक शक्ति परीक्षण पास नहीं कर लेते, तब तक मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा कोई भी नीतिगत फैसला नहीं ले सकते। यही नहीं एंग्लो इंडियन सदस्य के मनोनयन को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि विधायकों के शपथग्रहण से पहले एंग्लो इंडियन सदस्य को मनोनीत नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट के फैसले को कांग्रेस ने बताया ऐतिहासिक
कर्नाटक के राजनीतिक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस ने इसे ऐतिहासिक बताया है। कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कई निर्देश जारी किये हैं। कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट के लिए आज शाम (शुक्रवार) 4 बजे तक प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने का आदेश दिया है।’ उन्होंने कहा कि कोर्ट के अनुसार, कल फ्लोर टेस्ट से पहले सभी विधायकों का शपथ ग्रहण होगा और येद्दयुरप्पा कल तक कोई भी नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेंगे।’
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नेताओं की प्रतिक्रिया
-सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीएस येद्दयुरप्पा ने कहा, ‘हमने मुख्य सचिव से बात की है और शनिवार को असेंबली का सेशन बुलाया है। हमें 100 प्रतिशत विश्वास है कि हम पूर्ण बहुमत के साथ जीतेंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, हमें कल बहुमत साबित करने की पूरी उम्मीद है। हम राज्यपाल को कल सुबह 11 बजे विधानसभा सत्र बुलाए जाने के लिए अपनी फाइल भेज रहे हैं। हम बहुमत साबित करने जा रहे हैं।’
– वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा, ‘भाजपा बहुमत परीक्षण के लिए तैयार है। हमें विश्वास मत जीतने का भरोसा है। सदन में होने वाले फ्लोर टेस्ट में हम बहुमत सिद्ध कर देंगे।’
राज्यपाल मामले में अलग से होगी सुनवाई
राज्यपाल के विशेषाधिकार और उसके तहत दिए गए आदेश की न्यायिक जांच के मामलों की कोर्ट दस हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।
राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए दिया था 15 दिनों का वक्त
बता दें कि कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया था। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद बीएस येद्दयुरप्पा के पास बहुमत साबित करने के लिए अब कुछ घंटों का समय शेष रह गया है। कांग्रेस और जेडीएस ने अपनी याचिका में राज्यपाल द्वारा येद्दयुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिये जाने को चुनौती दी थी। यही नहीं एंग्लो इंडियन सदस्य मनोनीत किए जाने को भी कांग्रेस व जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
इन बिंदुओं पर SC में हुई चर्चा
– कर्नाटक मामले पर जस्टिस सीकरी के दो सुझाव दिये, पहला: 24 घंटे के भीतर बहुमत साबित करें और दूसरा शपथ ग्रहण की समीक्षा हो।
– जिसे न्योता मिला वो बहुमत साबित करे : जस्टिस बोबडे
– विधानसभा में ही आखिरी फैसले होना चाहिए : जस्टिस बोबडे
– हम राजनीतिक लड़ाई में नहीं पड़ रहे हैं : जस्टिस सीकरी
– बेहतर होगा कि कल बहुमत परीक्षण हो : SC
– कल बहुमत परीक्षण का प्रस्ताव दे सकते हैं? : SC
– जस्टिस सीकरी: जनादेश सबसे महत्वपूर्ण है
– जस्टिस सीकरी: किस आधार पर भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया
– दोनों पार्टियों (कांग्रेस और जेडीएस) ने चुनाव के बाद गठबंधन किया : रोहतगी
– रोहतगी ने कहा नंबर दो और तीन की पार्टियां भाजपा से बहुत पीछे
– मुकुल रोहतगी ने कहा भाजपा कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी
– कर्नाटक मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू
सिंघवी की दलील
– नतीजे घोषित होने से पहले ही येद्दयुरप्पा का दावा
– राज्यपाल भाजपा को कैसे मौका दे सकते हैं?
– कांग्रेस-जेडीएस के पास बहुमत है
– कांग्रेस-जेडीएस कल ही बहुमत साबित करने के लिए तैयार है। कोर्ट को तय करना चाहिए की किसी बहुमत साबित करने का मौका मिले
भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी, कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम, राम जेठमलानी, शांति भूषण कोर्ट में मौजूद रहे। बता दें कि जस्टिस सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोबडे की तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की। दोनों दलों ने भाजपा को सरकार बनाने का न्योता देने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी थी। सुनवाई शुरू होने से पहले भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कर्नाटक में खरीद-फरोख्त का सवाल ही नहीं उठता। दरअसल, कांग्रेस भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है।
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर रातभर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चली, हालांकि कोर्ट ने भाजपा नेता बीएस येद्दयुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। बुधवार देर रात सवा दो बजे शुरू हुई सुनवाई गुरुवार सुबह पांच बजकर 28 मिनट तक चली। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में शपथ ग्रहण और सरकार के गठन की प्रक्रिया उसके समक्ष लंबित मामले के अंतिम फैसले के दायरे में आएगी।
अभी तक का घटनाक्रम
-सुप्रीम कोर्ट ने कल यानि शनिवार शाम चार बजे येद्दयुरप्पा को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है।
– बुधवार को राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस और जेडीएस। देर रात शुरू हुई सुनवाई रातभर चली, सुबह साढ़े पांच बजे खत्म हुई।
– सुप्रीम कोर्ट ने येद्दयुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक से इनकार कर दिया। कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई तय की और भाजपा को अपने विधायकों लिस्ट लाने का निर्देश दिया।
– गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा नेता बीएस येद्दयुरप्पा ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वे तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।
– येद्दयुरप्पा के शपथग्रहण के बाद भाजपा अब बहुमत साबित करने की तैयारी में है। येद्दयुरप्पा ने कहा कि मुझे यकीन है कि वे विधानसभा में विश्वासमत हासिल करेंगे।
– कांग्रेस ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया। विधायकों को इस टूट से बचाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस अपने सभी विधायकों को हैदराबाद ले गई।
– इससे पहले कांग्रेस अपने विधायकों को केरल के कोच्चि ले जाने की तैयारी में थी। तीन चार्टर्ड प्लेन से विधायकों को कोच्चि ले जाना था, लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि डीजीसीए ने चार्टर्ड प्लेन को उड़ान भरने की इजाजत नहीं दी।
– भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस-जेडीएस ने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन की जो चिट्ठी दी है, उसमें कई दस्तखत फर्जी हैं।
– कर्नाटक में 222 सीटों पर चुनाव हुए थे, जिसमे से भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटें मिली थीं। वहीं, दो सीट निर्दलीय के पाले में हैं।