केदारनाथ यात्रा का बदल गया अंदाज, पैदल यात्रा के बजाय घोड़े-खच्चर से पहुंच रहे यात्री

रुद्रप्रयाग: जून 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ यात्रा का अंदाज भी बदल गया है। पहले जहां अधिकांश यात्री पैदल यात्रा को अहमियत देते थे, वहीं अब बड़ी संख्या में यात्री या तो घोड़े-खच्चर से केदारनाथ पहुंच रहे हैं अथवा हेलीकॉप्टर से। इसके चलते पैदल केदारनाथ पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार कमी आ रही है।

बाबा केदार की चौखट तक पहुंचने का तरीका बदलने की मुख्य वजह है पैदल मार्ग के भूगोल में आया बदलाव। आपदा के बाद अस्तित्व में आए नए पैदल मार्ग से केदारनाथ की दूरी दो किमी बढ़कर 16 किमी हो गई है। वहीं, खड़ी चढ़ाई के साथ ही ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी के कारण पैदल चलने में मुश्किलें भी बढ़ी हैं।

यही वजह है कि बड़ी संख्या में यात्री घोड़ा-खच्चर अथवा हेलीकॉप्टर से जाना ही पसंद कर रहे हैं। कपाट खुलने के बाद बीते 23 दिन में 2.88 लाख यात्री केदारनाथ पहुंच चुके हैं। इनमें से 40 फीसदी वह हैं, जिन्होंने घोड़ा-खच्चर अथवा हेलीकॉप्टर का सहारा लिया।
जिलाधिकारी मंगेस घिल्डियाल ने बताया कि घोड़ा-खच्चर से दर्शनों को बड़ी संख्या में यात्री जा रहे हैं। इसके साथ ही हवाई सेवा से दर्शनों को पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। यह यात्रा के बदले ट्रेंड को दर्शाता है।

जैसा जेब का वजन, वैसी यात्रा
यह भी सच है कि पहले जहां यात्रा पैदल ही की जाती थी, वहीं अब आम यात्री पैदल चलना नहीं चाहता। खासकर वह तो कतई नहीं, जिसकी जेब वजनदार है। वयोवृद्ध तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती कहते हैं कि पुराने समय में चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश से ही यात्री पैदल आते थे, लेकिन समय के साथ यात्रा के तरीकों में भी बदलावा आया। अब यात्री पैदल चलने के बजाय सीधे हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंच रहे हैं।

2013 के बाद बदली प्राथमिकता

वर्ष 2003 में केदारनाथ के लिए हवाई सेवा शुरू हुई। हालांकि, तब गिनती के यात्री ही इसका उपयोग करते थे। लेकिन, वर्ष 2013 के बाद तो हवाई सेवा यात्रियों की प्राथमिकता बनती चली गई। वर्तमान में तो हर तीसरा यात्री हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचना चाहता है। टिकट न मिलने पर उसकी प्राथमिकता पैदल यात्रा नहीं, बल्कि घोड़ा-खच्चर है।
पालकी-कंडी से सिर्फ चार हजार ने किए दर्शन

वर्ष 2016 में कुल 3.09 लाख यात्री केदारनाथ आए। इनमें 90 हजार यात्री हवाई सेवा पहुंचने वाले थे। लेकिन, इस बार महज 23 दिन में 30 हजार यात्री हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंच चुके हैं। घोड़े-खच्चर से दर्शनों को पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या भी 80 हजार के आसपास है। अलबत्ता, पालकी व कंडी से दर्शन करने अब तक सिर्फ चार हजार यात्री पहुंचे।

वर्ष 2017 की तस्वीर

घोड़ा-खच्चर का पंजीकरण——————-4900

घोड़ा-खच्चर से जाने वाले यात्री———–1.95 लाख
हेलीकॉप्टर से जाने वाले यात्री————-90 हजार

कुल दर्शन करने वाले यात्री—————4.71 लाख

आपदा से पूर्व वर्ष 2012 की तस्वीर

घोड़ा-खच्चर का पंजीकरण——————–3100

घोड़ा-खच्चर से दर्शन करने वाले यात्री—–1.11 लाख

हवाई सेवा से दर्शन करने वाले यात्री———-23 हजार

कुल दर्शन करने वाले यात्री——————-4.70 लाख
वर्ष 2018 में 29 अप्रैल से 22 मई तक की तस्वीर

घोड़ा-खच्चर का पंजीकरण——————–6012

घोड़ा-खच्चर से दर्शन करने वाले यात्री——–80 हजार

हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचने वाले यात्री—30 हजार

अब तक दर्शन करने वाले कुल यात्री———-2.88 लाख

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