शक्ति पम्पस का वित्तीय वर्ष 2018 में लाभ 60 प्रतिशत से बढकर 34.84 करोड़ और ऑपरेटिंग लाभ 29 प्रतिशत बढकर 80.9 करोड़ पहुंचा

देहरादून। भारत के अग्रणी एनर्जी एफीशिएंट स्टेनलेस स्टील और सोलर इंटीग्रेटेड पंप बनाने वाली शक्ति पम्पस (इंडिया) लिमिटेड जो 110 देशो में अपने उत्पादों को निर्यात करती है, ने आज अपने वार्षिक वित्तीय नतीजों की घोषणा करते हुए बताया कि कंपनी ने बीते वर्ष के रुपये 431 करोड़ की तुलना में 31 मार्च 2018 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कुल आय रुपये 440 करोड़ दर्ज की गई यानि 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा नेट लाभ में 60 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की जो रुपये 34.84 करोड़ रहा। कंपनी के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए श्री दिनेश पाटीदार, चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, शक्ति पम्पस (इंडिया) लिमिटेड ने कहा “कम्पनी अपनी जिन नीतियों पर काम कर रही है वो इन परिणामो में दिख रहा है। कंपनी ने 37 प्रतिशत का डिविडेंड (लाभांश) देने की अनुशंसा की है (फेस वेल्यू पर) जो लाभ का लगभग 20 प्रतिशत है। एमएनआरई, राज्य सरकार, अंतर्राष्ट्रीय सोलर अलायन्स (आईएसए), नाबार्ड इत्यादि के द्वारा हम भविष्य में भी सोलर प्रोजेक्ट पर ध्यान केन्द्रित करेंगे, और हमारे विक्रेताध्वितरक नेटवर्क को फैलाते हुए निर्यात व्यापर को बढ़ाने के प्रयास जारी रहेंगे।  यूनियन बजट में की गई घोषणा जिसमे अक्षय उर्जा खास कर सोलर उर्जा पर अत्यधिक ध्यान केन्द्रित रहा जो कंपनी के लिए लाभदायक रहेगा। कुसुम योजना की भी घोषणा की गई जिसमे 17.5 लाख डीजल पंप एवं 3 करोड़ खेती उपयोगी पम्पस को आने वाले 10 वर्षो में सोलर पम्पस में परिवर्तित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कुसुम एक लम्बी अवधि की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका लक्ष्य सोलर पंप और सोलर उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभिक बजट 50 हजार करोड़ रुपयों का आवंटन किया गया है। हाल ही में कंपनी ने “सिम्हा” इंडीजीनियस यूनिवर्सल ड्राइव को रायपुर छत्तीसगढ़ से लॉन्च किया, जो कंपनी के द्वारा ली गई मेक इन इण्डिया और डिजिटल इण्डिया के अंतर्गत की गई अन्य पहल में से एक है। यह ड्राइव हमारे अनुसंधान और विकास विभाग के द्वारा पिछले पांच वर्षो की कड़ी मेहनत का परिणाम है।

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