देहरादून: प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए 217 करोड़ की धनराशि को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार गन्ना किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उनका 217 करोड़ का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान किया जाएगा।
सचिवालय में गुरुवार को गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने यह बात कही। बैठक में विभागीय मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित सर्मथन मूल्य तथा राज्य सरकार द्वारा घोषित गन्ना मूल्य के अंतर की धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाना है। अब तक 440 करोड़ के सापेक्ष 223 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है तथा 217 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य बकाया है। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में चीनी के मूल्य में अत्यधिक गिरावट के कारण चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। बाजपुर, नादेही, किच्छा तथा डोईवाला चीनी मिलों के कार्मिकों के अवशेष वेतन के लिए 95.79 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए राज्य सरकार द्वारा बिना ब्याज के कर्ज देने पर सहमति व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने चीनी मिलों के प्रबंधन को आगाह किया कि चीनी मिलों को अपनी स्थिति सुधारने के लिये प्रोग्रेसिव कदम उठाने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी मिलों को लाभ की इकाई बनाने के लिये इनके आधुनिकीकरण पर काम किया जाए। गन्ना विकास मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि किच्छा, बाजपुर, नादेही और डोईवाला के आधुनिकीरण पर विचार किया जा रहा है।
बाजपुर और नादेही चीनी मिलों में यूजेवीएनएल के सहयोग से विद्युत उत्पादन के लिए को-जनरेशन प्लांट लगाने को एमओयू करने के निर्देश दिए गए हैं। किच्छा चीनी मिल में को-जनरेशन के लिए सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं। बाजपुर डिस्टलरी के एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट के लिए नेशनल कोआपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं, जिसकी गारंटी सरकार देगी। गन्ना विकास मंत्री ने बताया कि पिछले एक वर्ष में चीनी उत्पादन 34.55 लाख कुंतल से बढ़कर 41.69 कुंतल हो गया है।