नई दिल्ली । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पांच दिवसीय दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर आज रवाना हुईं। यहां वे ब्रिक्स और आईबीएसए समूह के सभी शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगी। बता दें कि ये दो ऐसे अंतरराष्ट्रीय समूह हैं, जहां भारत लंबे समय से एक अहम भूमिका निभाता आ रहा है।
स्वराज यहां भारत के राष्ट्रपति महात्मा गांधी से संबंधित एक ऐतिहासिक घटना की 125 वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक समारोह के श्रृंखला का भी हिस्सा होंगी। ये वही घटना है जिसमें उन्हें दक्षिण अफ्रीका के पीटरमैरिट्जबर्ग रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन की बोगी से उन्हें नीचे फेंक दिया गया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर ये जानकारी दी। बताया जाता है कि 1893 की इस घटना के बाद महात्मा गांधी को नस्लभेदी मामलों के खिलाफ लड़ने के लिए ताकत मिली थी।
जारी बयान के मुताबिक, अफ्रीकी देश के दौरे पर रवाना हुईं सुषमा स्वराज 4 जून को होने वाले ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) सदस्यों के साथ होने वाले बैठक में हिस्सा लेंगी जिसमें अगले महीने जोहानिसबर्ग में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन के बारे में चर्चा की जाएगी। आइबीएसए (भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका) के विदेश मंत्रियों से भी वे मुलाकात करेंगी जहां अहम वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
6 जून को स्वराज फोनिक्स सेटलमेंट का भी दौरा करेंगी जहां महात्मा गांधी ने अहिंसा का पहला प्रचार किया था। इसके अलावा वे 6-7 जून के बीच होने वाले एक समारोह श्रृंखला का भी हिस्सा होंगी। महात्मा गांधी से जुड़ी घटना की 125वीं वर्षगांठ पर ये कार्यक्रम आयोजित की जाएगी। कहा जाता है कि इसी घटना के बाद महात्मा गांधी ने सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी।
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि स्वराज वहां आयोजित एक युवा शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगी जहां दक्षिण अफ्रीका के 20 युवा और भारत के पांच युवा गांधी दर्शन की प्रासंगिकता पर बात करेंगे।
आपको बता दें कि, दक्षिण अफ्रीका औऱ भारत के बीच राजनयिक संबंधों के 25 साल पूरे हो चुके हैं इस वजह से भी वर्ष 2018 में सुषमा स्वराज का ये दौरा अहम माना जा रहा है। इसी समय में नेल्सन मंडेला की 100 वीं जन्मशती भी है। कहा गया कि विदेश मंत्री की इस यात्रा से दक्षिण अफ्रीका के साथ भारत के करीबी और दीर्घकालिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी।”