देहरादून: भारतीय वायु सेना ने फाइटर विमान उत्तराखंड के मुनस्यारी के समीप बमबारी करेंगे। घबराइए मत, क्योंकि वायुसेना यहां फायरिंग रेंज में हवा से गोलीबारी का अभ्यास करेगी। इसके लिए वायु सेना की मध्य कमान ने राज्य सरकार से अनुमति देने का अनुरोध किया।
इसमें ऊंचाई से हवा से जमीन पर गोलीबारी का अभ्यास किया जाना है। वायु सेना के अधिकारियों ने धरासू, गौचर और पिथौरागढ़ हवाई पट्टियों को दोबारा सक्रिय करने में उत्तराखंड सरकार के सहयोग पर मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से बहुत संवेदनशील है। राज्य सरकार सेना को हर संभव सहयोग देने के लिए तत्पर है।
मंगलवार को सचिवालय में वायु सेना की मध्य कमान के अधिकारियों की मुख्यमंत्री रावत के साथ बैठक हुई। योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए विंग कमांडर आशुतोष मिश्रा ने बताया कि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ इसके लिए संयुक्त सर्वे कर लिया गया है। यह क्षेत्र आबादी से काफी दूर है। प्रशिक्षण में बहुत ही कम क्षमता के बमों का प्रयोग किया जाता है। इसमें केवल रोशनी व धुंआ होता है। पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है। भूस्खलन या हिमस्खलन का खतरा भी नहीं है। सभी सुरक्षा संबंधी मानकों का पूरा पालन किया जाता है।
विंग कमांडर ने बताया कि वर्ष में केवल तीन सप्ताह के लिए क्षेत्र की आवश्यकता होगी। सरकार द्वारा अभ्यास संबंधी अधिसूचना जारी करने व स्पष्ट अनुमति देने के बाद ही अभ्यास किया जाएगा। इसमें जो भी बम गिराए जाते हैं, उन्हें इकट्ठा कर साफ करने की जिम्मेदारी वायुसेना की होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए पहले प्रस्ताव बनाकर भेजा जाए। आवश्यक परीक्षण करवाकर राज्य सरकार इसकी अनुमति देगी। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर सचिव डा एमएस बिष्ट, एयर कोमोडोर सुमित बनर्जी, ग्रुप कैप्टन आशुतोष श्रीवास्तव, एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा उपस्थित थे।
चीन से लगती हैं पिथौरागढ़ जिले के सीमा
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के सीमा चीन से लगती हैं। इसलिए सामरिक दृष्टि से यह जिला काफी महत्वपूर्ण हैं। मुनस्यारी से चीन सीमा की हवाई दूरी भी कम है। इसलिए भविष्य में यहां पर वायुसेना का युद्ध अभ्यास करना भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।