देहरादून: मोहब्बेवाला में देर रात एक पूर्व फौजी के आंगन में गुलदार घुस आया। जिससे घर के भीतर अफरा-तफरी मच गई। घरवालों ने इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दी। सूचना पर आशारोड़ी रेंज से वन विभाग की टीम के साथ ही मुख्यालय से रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। काफी मशक्कत के बाद भी जब टीम गुलदार को पकड़ नहीं पाई तो बाद में राजाजी से ट्रेंकुलाइजिंग टीम को बुलाया गया। लगभग चार घंटे की मशक्कत के बाद ट्रेंकुलाइज स्पेशलिस्ट डॉ. अदिति शर्मा ने गुलदार को ट्रेंकुलाइज किया।
गुलदार आठ माह का बताया जा रहा है और मामूली घायल है। फिलहाल उसे इलाज के लिए मालसी जू में रखा गया है। मोहब्बेवाला में साई मंदिर के पास आर्मी से रिटायर्ड अरुण कुमार राई का घर है। रात करीब साढ़े दस बजे अचानक उनके कुत्ते जोर-जोर से भौंकने लगे। उन्होंने बाहर आकर देखा तो एक गुलदार उनके आंगन में खड़ा था और कुत्तों से संघर्ष कर रहा था।
पहले तो उन्होंने सोचा कि शायद गुलदार का बच्चा घुस गया है। लेकिन, जब वह पास गए तो उनके होश उड़। इसकी सूचना उन्होंने आसपास के लोगों को दी तो पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया। घर के सदस्यों और लोगों ने उसे भगाने की काफी कोशिश की, लेकिन गुलदार आंगन के एक कोने में ही दुबक गया। जिसके बाद उन्होंने वन विभाग को इसकी सूचना दे दी।
सूचना पर आशारोड़ी से रेंजर एमएस नेगी के नेतृत्व में विभाग और मुख्यालय से रवि जोशी के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और गुलदार को पकड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी, लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी टीम गुलदार को काबू नहीं कर पाई। जिसके बाद राजाजी से ट्रेंकुलाइजर टीम को मौके पर बुलाया गया।
करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ट्रेंकुलाइजर स्पेशलिस्ट डॉ. अदिति शर्मा ने गुलदार को ट्रेंकुलाइज किया। बाद में गुलदार को पिंजरे में कैद कर इलाज के लिए मालसी जू ले जाया गया। रेंजर आशारोड़ी एमएस नेगी ने बताया कि कुत्तों से संघर्ष में गुलदार के बांए पैर में कुछ जख्म हो गया है। डॉक्टरों के पैनल से उसका इलाज कराया जा रहा है। टीम में नरेंद्र चमोली, प्रदीप रस्तोगी, वन दारोगा मोहन लाल आदि शामिल थे।