नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके अमेरिकी समकक्ष माइक पोंपियो ने रद हुए टू प्लस टू वार्ता को जल्द से जल्द फिर से आयोजित करने पर सहमति जताई है। इसके लिए दोनों विदेश मंत्री सुविधानुसार समय और जगह निश्चित करेंगे।
स्वराज व सीतारमण को जाना था यूएस
पोंपियो व रक्षा मंत्री जेम्स मेटिस के साथ 6 जुलाई को होने वाली इस वार्ता के लिए स्वराज व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को अमेरिका जाना था। लेकिन कल पोंपियो ने स्वराज से फोन पर दुख और निराशा जताते हुए कहा कि अमेरिका को कुछ कारणों से यह वार्ता रद करनी पड़ रही है। फोन कॉल के दौरान पोंपियो ने अमेरिका-भारत के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने की बात करते हुए यह स्वीकार किया कि ट्रंप प्रशासन के लिए भारत ‘प्राथमिकता’ है। बता दें कि भारत व अमेरिका के संबंधों को नए आयाम देने का माद्दा रखने वाली टू प्लस टू मीटिंग रद हो गई है। अमेरिका ने इसका कारण नहीं बताया है, लेकिन विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने भारत की अपनी समकक्ष सुषमा स्वराज से खेद जताते हुए कहा कि इसकी नई तिथि पर उनका देश जल्द विचार करेगा।
6 जुलाई को थी टू प्लस टू वार्ता
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि 6 जुलाई को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ पोंपियो व वहां के रक्षा मंत्री जेम्स मेटिस की मीटिंग होनी थी। दोनों देशों के लिहाज से इसे अहम माना जा रहा था। भारत जहां विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है वहीं अमेरिका सबसे पुराना।
पिछले साल ही बुना गया था तानाबाना
रणनीतिक साझेदारी को तय करने वाली इस बैठक के जरिये दोनों देशों के बीच नई साझेदारियां बननी थीं तो कई ऐसे मसलों का समाधान भी निकलना था, जिनसे उन्हें जूझना पड़ रहा है। टू प्लस टू वार्ता का तानाबाना पिछले साल तब बुना गया था, जब पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका का दौरे पर गए थे। तब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी सहमति बनी थी कि इस तरह की अहम वार्ता से दोनों देशों के संबंध तय किए जाए।
इससे पहले अप्रैल में होनी थी यह वार्ता
पहले यह मीटिंग अप्रैल में होनी थी, लेकिन तत्कालीन विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के इस्तीफे के बाद इसे कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया था। इस बैठक का स्वरूप तय करने के लिए विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ ब्यूनस आयर्स में कई दौर की बैठक की थी।