पिथौरागढ़: शासन और प्रशासन की हीलाहवाली के चलते समय से बेहतर उपचार नहीं मिलने से लोक गायिका कबूतरी देवी का निधन हो गया। वह पिथौरागढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती थी। उन्हें देहरादून ले जाने के लिए गत शाम से हेलीकॉप्टर का इंतजार होता रहा। हेलीकॉप्टर की व्यवस्था व्यवस्था नहीं होने से उनकी आज सुबह मौत हो गई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कबूतरी देवी के निधन पर शोक जताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की।
पिथौरागढ़ जिले के क्वीतड़ गांव की रहने वाली कबूतरी देवी प्रदेश की जानी मानी लोक गायिका थीं। गायन की कई विधाओं में माहिर लोक गायिका राज्य की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन देश भर में कर चुकी हैं।
70 वर्ष की हो चुकी कबूतरी देवी का स्वास्थ शुक्रवार को अचानक खराब हो गया। परिजन उन्हें जिला चिकित्सालय लाए। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एसएस कुंवर ने उनके स्वास्थ की जांच की। जांच के बाद उन्होंने बताया कि कबूतरी देवी का ब्लड प्रेशर कम है और उनका हॉर्ट कमजोर हो रहा है।
उपचार के बाद हालत में हल्का सुधार होने के बाद उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया है। इस दौरान नगर के तमाम लोगों ने जिला चिकित्सालय पहुंचकर उनका हालचाल जाना। परिजन उन्हें हेलीकॉप्टर से देहरादून ले जाने का प्रयास कर रहे थे। शक्रवार सायं उन्हें हैलीकॉप्टर से देहरादून ले जाना था। शाम को हैलीकॉप्टर नही आया। शनिवार सुबह भी हेलीकॉप्टर नहीं पहुंचा और उनकी अस्पताल में ही मौत हो गई।
शनिवार सुबह छह बजे कबूतरी देवी को देहरादून ले जाने के लिए जिला अस्पताल से चार किमी दूर नैनीसैनी हवाई पट्टी पहुंचाया गया। जहां पर लगभग तीन घंटे प्रतीक्षा करने के बाद भी हेलीकॉप्टर नही पहुंचा। इस बीच कबूतरी देवी की तबीयत खराब हो गई और उन्हें वापस जिला अस्पताल लाया गया। जहां आईसीयू में रखा गया। बाद में चिकित्सको ने उनका परीक्षण करने के बाद मृत घोषित कर दिया।
सूचना मिलते ही लोग अस्पताल में जुटने लगे है। प्रशासन की ओर से एसडीएम नायब तहसीलदार पहुंचे। वहीं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। लोगों का कहना था कि यदि समय रहते हेलीकॉप्टर की व्यवस्था हो जाती तो कबूतरी देवी की जान बच सकती थी।