ऋषिकेश: उत्तराखंड के डोईवाला में देश का 37वां केंद्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग संस्थान अस्तित्व में आ गया है। संस्थान के शुभारंभ के बाद केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि उत्तराखंड के लिए यह संस्थान मील का पत्थर साबित होगा। स्थानीय लोगों की तकनीकी शिक्षा स्वरोजगार के क्षेत्र में यह संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डोईवाला में सिपेट का उद्घाटन और नए भवन का शिलान्यास किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा इस साल सिपेट में 1500 छात्र प्रवेश लेंगे। अगले वर्ष ये संख्या 2000 व तीन वर्ष बाद 3000 हो जाएगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सिपेट जैसे संस्थान उत्तराखंड को देने के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार जताया। उन्होंने कुमाऊं मंडल में भी एक सिपेट खोलने के लिए आग्रह किया, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सहमति प्रदान की। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने सितारगंज में प्लास्टिक पार्क की स्थापना के लिए 40 करोड रुपए की स्वीकृति प्रदान की।
इस अवसर पर हरिद्वार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, सचिव भारत सरकार ई राघवेंद्र राव, विधायक हरवंश कपूर, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत, प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट आदि उपस्थित थे
सरकार की हुर्इ आइडीपीएल की जमीन
ऋषिकेश के निकट केंद्रीय संस्थान आइडीपीएल की भूमि अब उत्तराखंड सरकार की हो गई है। कुछ दशक पूर्व तत्कालीन उत्तर प्रदेश राज्य ने यह भूमि आइडीपीएल खोलने के लिए भारत सरकार को दी थी।
वर्तमान में आईडीपीएल एक रुग्ण इकाई हो चुकी है। सिपेट संस्थान के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने आइडीपीएल की भूमि उत्तराखंड सरकार को सौंपने की घोषणा करते हुए संबंधित प्रपत्र मुख्यमंत्री को प्रदान किए। उन्होंने कहा कि आइडीपीएल की 833.23 एकड़ भूमि का स्वामित्व अब उत्तराखंड सरकार का होगा।
उन्होंने कहा कि आइडीपीएल में दवा निर्माता कंपनी का संचालन केंद्र सरकार करती रहेगी। जबकि अतिरिक्त भूमि पर उत्तराखंड सरकार कन्वेंशन सेंटर के रूप में उपयोग करेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से 200 एकड़ भूमि ऋषिकेश एम्स को भी देने का आग्रह किया, जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति प्रदान की है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह फैसला राज्य के लिए एक ऐतिहासिक फैसला है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में कन्वेंशन सेंटर होने के बाद ऋषिकेश पूरे विश्व में एक अलग पहचान बनाएगा।