देहरादून: उत्तराखंड में विदेशों से सेब का आयात कम करने के लिए जल्द ही सेब के बगीचे लगाए जाएंगे। इंडो-डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सुधीर चड्ढा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत के लिए एक निजी कंपनी से अनुबंध किया गया।
प्रेस क्लब सभागार में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में सुधीर चड्ढा ने बताया कि उत्तराखंड में सेब उत्पादन के क्षेत्र में नई तकनीक इजाद की जा रही है। इससे प्रदेश में सेब उत्पादन तो बढ़ेगा, साथ ही काश्तकारों को भी फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि बागवानी के लिए काश्तकारों में उत्साह को देखते हुए एक निजी कंपनी से अनुबंध किया गया है, जो किसानों को 75 प्रतिशत छूट पर बगीचा लगाने के लिए सहायता राशि प्रदान करेगी। इसके लिए पहले चरण में 100 किसानों को शामिल किया गया है।
इन किसानों को 250-250 सेब के पौधे दिए जाएंगे, जिससे आगामी मार्च तक अच्छी फसल मिलेगी। उत्तराखंड में भी सेब उत्पादन हो रहा है, लेकिन व्यावसायिक फसल के लिए पांच से आठ साल का इंतजार करना पड़ता था। बताया कि लगभग 10 साल के अध्ययन और शोध में फ्रांस, हालैंड आदि के विकसित रूट स्टॉक और प्रजातियों के आयात और तकनीकों को लेते हुए उत्तराखंड में ग्राफ्टिंग व नर्सरी उत्पादन का काम शुरू कर दिया गया है।
नई तकनीकों से सेब के काश्तकारों को बाग लगाने के सालभर के अंदर फल प्राप्त होना शुरू हो जाता है। वार्ता में सुशांत चड्ढा, एसएस रावत, प्रवीन राणा समेत अन्य मौजूद रहे।