रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में यात्रियों का हाइपोथर्मिया का शिकार हो जाना सामान्य बात है। धाम में ऑक्सीजन की कमी के साथ ही ठंड लगने से अक्सर यात्रियों को हार्ट अटैक आ जाता है। इसके चलते बीते पांच वर्षों में 226 यात्रियों की मौत हो चुकी है। लेकिन, अब सरकार ने धाम में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्पताल बनाने के साथ ही यात्रा पड़ावों में वार्म हीटर व इलेक्ट्रिक कंबल रखवा दिए हैं। जो यात्रियों को शीत की चपेट में आने से बचा रहे हैं।
केदारनाथ में ठंड लगने पर यात्रियों को तत्काल उपचार न मिल पाना मुख्य समस्या रही है। इससे अक्सर यात्रियों की जान पर बन आती है। इसी को देखते हुए प्रशासन धाम में दस बेड के अस्तपाल का निर्माण करवा चुका है, जिसका लाभ यात्रियों को मिलने भी लगा है। अस्पताल में ईसीजी के साथ पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन व अन्य आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। साथ ही इलेक्ट्रिक हीटर की व्यवस्था भी की गई है। जो हाइपोथर्मिया के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी है।
इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए वार्म रूम (ठंड से बचन के लिए गर्म कमरे) की व्यवस्था भी कर दी गई है। प्रथम चरण में केदारनाथ, लिनचोली मेडिकल रिलीफ पोस्ट व भीमबली में वार्म रूम बनाए गए हैं। तीनों पडावों में दो-दो इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट भी रखे गए है।
इससे पूर्व धाम में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी। जिससे ठंड बढ़ने, बारिश या बर्फबारी होने पर हार्ट अटैक आने से यात्रियों की मौत हो जाती थी। जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी एसके झा ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास से धाम में हार्ट अटैक से मरने वालों का आंकड़ा न्यून होने की उम्मीद है। बताया कि अस्पताल में ईसीजी समेत अन्य महत्वपूर्ण उपकरण भी उपलब्ध हैं।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ धाम समेत यात्रा पड़ावों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास परर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कोशिश यह है कि स्वास्थ्य संबंधी किसी भी तरह की दिक्कत होने पर यात्री को तत्काल इलाज मुहैया हो सके।