बाहरी लोगों को इलाज न देने पर अड़ी केजरीवाल सरकार

नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार, दिल्ली से बाहर के लोगों को अपने सरकारी अस्पताल में इलाज की पर्याप्त सुविधा न देने पर अड़ी हुई है। हाई कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार की इलाज संबंधी अधिसूचना को रद्द करने के थोड़ी देर बाद ही सरकार ने इस मामले में अपना रुख स्पष्ट कर दिया। आप नेता नागेंद्र शर्मा ने मामले में ट्वीट कर सरकार के अगले कदम की जानकारी दी है। नागेंद्र शर्मा ने ट्वीट कर कहा है कि दिल्ली सरकार हाई कोर्ट के फैसले से असहमत है। सरकार दिल्ली वालों को जीटीबी अस्पताल में इलाज में प्राथमिकता दिलाकर रहेगी। इसके लिए दिल्ली सरकार हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। ट्वीट में आगे कहा गया है कि ये किसी भी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह आयकर दाताओं को अच्छी सुविधा उपलब्ध कराए। हालांकि, सोशल मीडिया पर दिल्ली सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध भी होने लगा है। लोगों ने ट्वीटर पर केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा है। इसमें बहुत से ऐसे लोगों भी हैं जो पिछले 15-20 साल से दिल्ली में रह रहे हैं, लेकिन उनके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है। ऐसे लोग पूछ रहे हैं कि वह कहां इलाज कराएंगे और उनका टैक्स किसके पास जा रहा है। वहीं कुछ लोगों ने ट्वीटर पर पूछा है कि क्या जो गरीब व्यक्ति सरकार को टैक्स नहीं दे रहा है, उसे इलाज का हक नहीं है। दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार सुबह ही केजरीवाल सरकार को तगड़ा झटका दिया था। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की मरीजों के इलाज संबंधी अधिसूचना को खारिज कर दिया है। अधिसूचना खारिज होने के बाद अब पहले की तरह कोई भी दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में इलाज करा सकेगा। हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में इलाज से किसी भी मरीज के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने माना कि दिल्ली सरकार का सर्कुलर मनमाना है। मेडीकल सेवाओं में भेदभाव किसी भी लिहाज़ से मरीजों के साथ नाइंसाफी है। अदालत ने सर्कुलर को मौलिक अधिकार का हनन माना।मालूम हो कि दिल्ली सरकार ने एक अधिसूचना लागू कर दिल्ली के अस्पतालों में 80 फीसदी तक इलाज की सेवाएं केवल ल्लीवासियों के लिए आरक्षित कर दी थी। इसके साथ ही दिल्ली के अस्पतालों में 80 फीसदी के तहत इलाज कराने के लिए मतदाता पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया गया था। दिल्ली सरकार की इस अधिसूचना को एक एनजीओं ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अब इस अधिसूचना को खारिज कर दिया है। इससे एनसीआर के करोड़ों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *