वेदांती ने कहा- छह दिसंबर से होगा मंदिर का निर्माण

बहराइच। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद तथा रामजन्म भूमि न्यास कार्यकारिणी के अध्यक्ष डॉ. रामविलास दास वेदांती ने आज अयोध्या के राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम मंदिर का मामला लंबित होने के बाद भी आज डॉ. वेदांती ने इसके निर्माण की तारीख का ऐलान कर दिया। बहराइच में योगी आदित्यनाथ सरकार में स्वतंत्र प्रभार की राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल के घर पर डॉ. रामविलास दास वेदांती ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने अयोध्या में श्रीराम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के बारे में कहा कि छह दिसंबर से वहां पर मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। अयोध्या में रामजन्म भूमि न्यास के कार्यकारिणी अध्यक्ष डॉ. रामविलास वेदांती आज बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल के आवास पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। डॉ. वेदांती ने कहा कि जून को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या आए थे तो मैंने कहा था कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर निर्माण का कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। कोर्ट का निर्णय कब आएगा, इसका कोई ठिकाना नहीं है। कोर्ट का निर्णय आने में लाखों वर्ष लगा सकता है। किसी भी पक्ष कोई दिक्कत होती है तो वह दरख्वास्त दे देता है और तारीख टल जाती है। हमें कोर्ट से कोई आशा नहीं है। कोर्ट से आज तक कोई काम नहीं हुआ है। इसी कारण बिना कोर्ट के अब यहां आपसी सहमति तथा साम्प्रदायिक सौहार्द के आधार पर मंदिर का निर्माण शुरू होगा। वेदांती ने कहा कि हिन्दू और मुस्लिम मिलकर अयोध्या में वहां राम मंदिर बनाएंगे, जहां पर जहां रामलला विराजमान हैं। मुस्लिम भाई चाहें तो अयोध्या से बाहर लखनऊ में या जहां भी वे कहें, मस्जिद बना देंगे, लेकिन मस्जिद बाबर के नाम पर नहीं होगी। बाबर तो आतंकी था. इस्लाम के नाम पर, कुरान की आयतों के नाम पर मस्जिद का निर्माण होता है तो हम समर्थन करेंगे, लेकिन बाबर के नाम पर नहीं। बाबर तो लूटेरा था। उसने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च सभी को तोड़ा। वह तो भारत को लूटने के लिए आया था। राम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रामविलास दास वेदांती ने कहा कोर्ट के फैसले से नहीं बल्कि आपसी सहमति से होगा राम मंदिर का निर्माण। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही होने की बात कही। डॉ वेदांती बोले मंदिर निर्माण हिंदू मुसलमानों के आपसी सहयोग से बनेगा। मुसलमानों को अलग जमीन दी जाएगी जिसमें भव्य मस्जिद का निर्माण कराया जाएगा । मस्जिद बाबर के नाम पर नहीं होगी।  इस्लाम के किसी महापुरुष पर बनाई जाएगी।  उन्होंने स्पष्ट किया कि कोर्ट से किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता है । वकीलों के जुकाम हो जाने पर कोर्ट में हड़ताल हो जाती है और मामले लंबित होते हैं। उन्होंने कहा कि इन सब को देखते हुए कोर्ट से नहीं बल्कि आपसी सहमति से राम मंदिर निर्माण का मसला सुलझा लिया जाएगा । डॉ वेदांती स्पष्ट किया है कि राम मंदिर निर्माण को लेकर किसी भी प्रकार की कोई बात मुस्लिम भी नही चाहते हैं। राम मंदिर निर्माण अयोध्या में हो जाए और आए दिन होने वाला नया विवाद समाप्त हो जाए । उन्होंने स्पष्ट किया कि मस्जिद निर्माण में भी हिंदू मुसलमानों का सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि संत महात्मा सिर्फ अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं। भारत के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी यह बात बता दी गई । उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण भाजपा और मोदी योगी ही कराएंगे यह काम सपा बसपा और कांग्रेस कभी नहीं करेगी क्योंकि अब तक इस पार्टी की ओर से मंदिर निर्माण के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया गया।

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