नैनीताल : हाई कोर्ट ने लोहाघाट में नेशनल हाइवे में देवराड़ी बैंड से राइकोट तक 170 करोड़ की लागत से प्रस्तावित बाइपास पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही सरकार व एनएच से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। लोहाघाट के राइकोट कुंवर निवासी जगदीश सिंह कुंवर व अन्य ग्रामीणों ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि लोहाघाट पेट्रोल पंप में एनएच में नौ सौ मीटर आगे तक सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण किया गया है। प्रशासन व एनएच द्वारा अतिक्रमणकारियों को हटाने के बजाय 170 करोड़ की लागत से 12 किमी बाइपास का निर्माण प्रस्तावित कर दिया, जबकि यह नौ सौ मीटर सड़क दो-चार करोड़ की लागत में ही चौड़ी हो सकती थी। याचिका में यह भी कहा है कि प्रस्तावित बाइपास से कलीगांव, टूड़ा, राइकोट कुंवर समेत पांच गांवों की वन पंचायत के 20 हजार हरे बांज, सुरई, देवदार इत्यादि के पेड़ों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा, जिससे इन गांवों के प्राकृतिक जलस्रोत्र सूखने का अंदेशा है। पेशनर्स एसोसिएशन के सलाहकार प्रहलाद सिंह मेहता द्वारा भी इस बाइपास पर रोक लगाने को लेकर प्रधानमंत्री, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री, एनजीटी चेयरमैन को भी पत्र भेजा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद प्रस्तावित बाइपास निर्माण पर फिलहाल रोक लगाते हुए विपक्षियों से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। लोहाघाट के निवासी जगदीश सिंह ने मामले में याचिका दायर की थी। मामले में पैरवी बीसीआइ सदस्य अधिवक्ता विजय भट्ट द्वारा की गई।