अमृतसरः कौन है ट्रेन हादसे का जिम्मेदार, 10 सेंकेड में 61 की मौत

अमृतसर दशहरा पर गुरुनगरी अमृतसर में बेहद दर्दनाक हादसा हो गया और दो ट्रेनों की चपेट में आने से 61 से अधिक लोग मारे गए। करीब 150 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मारे गए लोगों में बच्‍चे और महिलाएं भी शामिल हैं। हादसा शुक्रवार देर शाम करीब 7.15 जोड़ा फाटक के पास हुआ। फाटक से करीब 60 फीट दूर धोबीघाट में रावण दहन कार्यक्रम चल रहा था। लोग ट्रैक के पास खड़े होकर कार्यक्रम देख रहे थे। पटाखे चलने पर वे थोड़ा पीछे हट गए और ट्रैक पर खड़े होकर वीडियो बनाने लगे। इसी दौरान ट्रैक पर अमृतसर-हावड़ा मेल आ गई। लोग बाल-बाल बचे और भागते हुए साथ वाले दूसरे ट्रैक पर चले गए, लेकिन जब तक वे संभलते इस ट्रैक पर भी जालंधर-अमृतसर डीएमयू आ गई। तेज रफ्तार ट्रेन ने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। पटाखों के शोर में लोगों को ट्रेन के आने की आवाज नहीं सुनाई दी। घटनास्थल पर चीख पुकार मच गई। जगह-जगह लोगों के क्षत-विक्षत शव पड़े हुए थे। मृतकों में उत्तर प्रदेश व बिहार के लोग भी शामिल हैं। पुलिस कमिश्नर सुधांशु श्रीवास्तव ने कहा कि मृतकों की सही संख्या के बारे में अभी नहीं बताया जा सकता, लेकिन संभावना है कि 61 लोगों की मौत हुई है। यह ज्यादा भी हो सकती है।मुख्‍यमंत्री कैपटन अमरिंदर सिंह न हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हादसे मेें मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता देने का ऐलान किया।हादसे के बाद वहां कोहराम और चीख-पुकार मच गई। घटनास्‍थल का दृश्‍य बेहद मर्माहत व‍ दिल को दहला देने वाला  था। हादसे के शिकार हुए लोगों में किसी का सिर धड़ से अलग हाे गया तो किसी के हाथ-पैर कट गए। रेलवे ट्रैक पर लाशें बिखरी पड़ी थीं। घायलों को सिविल अस्‍पताल व अन्‍य अस्‍पतालों में दाखिल कराया गया है। गौरतलब है कि आयोजकों को प्रशासन ने धोबीघाट में रावण दहन की अनुमति नहीं दी थी। डीएमयू के चालक अरदीन कुमार को हिरासत में ले लिया गया है।  डीएमयू की औसत स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घंटा रहती है, जबकि अमृतसर-हावड़ा मेल की स्पीड करीब 90 किलोमीटर रहती है। यह सारा हादसा करीब दस सेकंड में हुआ। लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। इस बीच, पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हादसे पर दुख जताया है। उधर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपना इजराइल दौरा रद करते हुए दिल्ली से कल सुबह अमृतसर पहुंचेंगे। कैप्टन के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने कहा कि मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की सहायता देने का एलान किया गया है। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कहा कि वह स्वयं मौके पर जा रहे हैं। वह मौके पर जाने के बाद ही हादसे के बारे में ज्यादा कुछ बता पाएंगे। रावण के पुतले से चिंगारियां निकलने के कारण वहां अफरातफरी मच गई। जलते पुतले से बचने के लिए लोगों में भगदड़ मच गई। लोग बचने के लिए रेलवे ट्रैक की तरफ भागे, लेकिन इसी दौरान सामने से एक ट्रेन आ गई। लोग कुछ कर पाते उससे पहले ही पटरी पर चढ़े लोगाें काे रौंदती हुई ट्रेन आगे निकल गई। इसके बाद तो वहां कोहराम मच गया। पटरी और इसके आसपास क्षत-विक्षत शव पड़े थे।किसी का सिर कट धड़ से अलग हो गया था तो किसी के हाथ और किसी का पैर शरीर से अलग हो गया था। इसके बाद चारों तरफ चीख-पुकार और कोहराम मच गया। हादसे में 60 से अधिक लोगाें की मौत हुई है। यह संख्‍या बढ़ सकती है। सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और उनको विभिन्‍न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घटनास्‍थल और अस्‍पतालों में मारे गए लोगों और घायलाें के परिजनों की चीख-पुकार दिल का दहला रही है। हादसे के बाद लोग अपनों की तलाशी में जुट गए। मरने वालों में कई बच्चे व महिलाएं भी शामिल हैं। प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और राहत व बचाव का कार्य शुरू कर दिया गया।

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