नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को #MeToo कैंपेन पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। बता दें कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने कोर्ट में मी टू अभियान के तहत आरोपियों के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेने तथा कार्रवाई करने की मांग से संबंधित याचिका दायर की थी।गौरतलब है कि इन दिनों देश में मी टू कैंपेन जोरो पर हैं। महिलाएं अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार को सोशल मीडिया पर शेयर कर रही हैं। भारत में मी टू की शुरुआत एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता द्वारा नाना पाटेकर पर हॉर्न ओके प्लीज के एक गाने की शूटिंग के दौरान यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद हुई थी। हालांकि यह बात लगभग 10 साल पुरानी है, मगर हाल ही में तनुश्री ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने आरोपों को दोहराया था।तनुश्री दत्ता के बाद मी टू अभियान सुर्खियों में आ गया और कई महिलाओं ने अपने साथ हुई यौन उत्पीड़न और शोषण की घटनाओं को सोशल मीडिया में शेयर करना शुरू कर दिया। विकास बहल, साजिद ख़ान, नाना पाटेकर सरीख़े फ़िल्म सेलेब्रिटीज़ के अलावा एमजे अकबर और विनोद दुआ जैसे बड़े नाम भी मी टू अभियान की चपेट में आये हैं।अनुचित व्यवहार और यौन शोषण के आरोपों से घिरे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एम. जे. अकबर ने आखिरकार अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अकबर पर 20 महिलाओं ने अनुचित व्यवहार या यौन शोषण का आरोप लगाया है। इससे पहले विदेश दौरे से वापसी पर अकबर ने बयान जारी कर आरोपों पर अपना पक्ष रखा था। उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताया था। अकबर ने आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में मानहानि का केस भी किया है।महिला आयोग ने किसी तरह के यौन उत्पीड़न की शिकायत करने के लिए एक ईमेल आइडी भी बनाई है।