हल्द्वानी : चार साल पहले इंदिरानगर में हुए चर्चित एसिड कांड को भला कौन भूल सकता है। उस खौफनाख वारदात ने पूरे शहर को दहशत में ला दिया था। मामले में आरोपित मां-बेटे को प्रथम सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अभियुक्तों को सोमवार को ही दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। आइए आपको बताते हैं उस घटना की पूरी कहानी जिसका जिक्र ही लोगों को दहशत में ला देता है।मामला है इंदिरानगर के वार्ड नंबर दो का। 10 जून 2014 का वह दिन पीडि़त परिवार के लिए किसी कहर से कम नहीं था। उस दिन मोहल्ले के इरशाद और उनका साढू भाई लईक अहमद का परिवार काठगोदाम स्थित मजार जाने की तैयारी कर रहा था। घर से बाहर निकलते ही पड़ोसी मो. जकी और उसकी मां रहमत जहां ने इरशाद और लईक के परिवार पर किसी बात को लेकर अश्लील फफ्तियां करनी शुरू कर दी। दोनों के परिवारों में पहले से ही कुछ अनबन थी। खैर इरशाद और लईक के परिवार के लोगों ने जब इसका विरोध किया तो दोनों पक्षों में विवाद और गहरा गया। इतने में ही मो. जकी अपनी परचून की दुकान से तेजाब की बोतल निकाल लाया और इरशाद के सिर पूरी बोतल फोड़ दी। इतने पर भी वे शांत नहीं हुए तो जकी की मां रहमत जहां भी दुकान से तेजाब की बोतलें निकाल लाई और दोनों मां-बेटे ने मिलकर इरशाद और लईक के परिवार पर तेजाब फेंकना शुरू कर दिया।पुलिस को दी गई तहरीर में लईक ने मो. जकी व रहमत जहां के साथ ही उनके रिश्तेदार मो. लवी और अफतार पर भी एसिड एटैक का आरोप लगाया था। इस एसिड कांड लईक व इरशाद के परिवार के साथ ही आसपड़ोस के कुल 19 लोग झुलसे थे। ये मामला कई दिनों तक सुर्खियों में बना रहा। इस चर्चित कांड में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत तक घायलों का हाल देखने आए थे। सभी गंभीर रूप से घायलों को डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।