मुजफ्फरपुर । जिले में डेंगू ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। अब तक एक दर्जन मरीज मिले हैं। मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए सभी पीएचसी प्रभारी को अलर्ट किया गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने बाजार में किट से होने वाली डेंगू जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए एलीजा जांच के बाद ही मरीजों की पहचान करने का निर्देश जारी किया है।माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ.आनंद मिश्रा ने बताया कि नियमित मरीजों की जांच हो रही है। अबतक एसकेएमसीएच में लक्षण के आधार पर 55 मरीजों की जांच हुई, जिसमेें 12 में इसकी पुष्टि हुई। एसकेएमसीएच में मुफ्त जांच व इलाज की व्यवस्था है। इधर एसीएमओ डॉ. अरुण सिन्हा ने बताया कि जिले में जो भी मरीज मिल रहे, वह बाहर से बीमार होकर आए हंै। सबका इलाज चल रहा है। अपील की कि डेंगू के लक्षण वाले मरीज मिलने पर सीधे सरकारी अस्पताल में जाएं। बाजार में डेंगू की जांच को मिलने वाली किट महंगी है। साथ ही उसकी विश्वसनीयता उतनी नहीं है। जबकि एसकेएमसीएच में बिल्कुल मुफ्त जांच की सुविधा है। जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ.सतीश कुमार ने बताया कि जिले में दो टीम बनाकर लर्वा मारने के लिए ब्रह्मपुरा इलाके के नालों में टेमीफॉस का छिड़काव किया जा रहा है।ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढऩा। सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना। बहुत ज्यादा कमजोरी लगना। भूख न लगना और जी मिचलाना। मुंह का स्वाद खराब होना। गले में हल्का-सा दर्द होना।एसकेएमसीएच मेडिसीन विभागाध्यक्ष डॉ.कमलेश तिवारी व मेडिसीन विशेषज्ञ डॉ.एके दास ने बताया कि रात में मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर या ऑफिस के आसपास पानी जमा न होने दें। गड्ढों को मिट्टी से भर दें। रुकी हुई नालियों को साफ करें। अगर पानी जमा होने से रोकना मुमकिन नहीं है तो उसमें पेट्रोल या केरोसिन डालें। रूम कूलरों, फूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करे। घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें। डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। मच्छरों को भगाने और मारने के लिए मच्छरनाशक क्रीम स्प्रे, मैट्स, क्वाइल, गुगुल के धुएं आदि का प्रयोग करे। ऐसे कपड़े पहने, जिससे शरीर का ज्यादा-से-ज्यादा हिस्सा ढका रहें।