देहरादून: करवाचौथ की तैयारियों को लेकर बाजार की रौनक देखते ही बन रही है। श्रृंगार, व्रत एवं पूजा सामग्री की खरीददारी के लिए बाजार में महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है। हिंदू धर्म में करवाचौथ को व्रत बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां 16 श्रृंगार कर हाथों में पति के नाम की मेंहदी लगाती हैं।
पलटन बाजार में मेंहदी लगवाने को स्टॉलों पर महिलाओं की काफी भीड़ देखने को मिल रही है। इनमें अरेबियन, मारवाड़ी, जोधपुरी डिजाइन हमेशा की तरह महिलाओं की डिमांड में हैं। इस बार मेंहदी आर्टिस्ट गढ़वाली डिजाइन के जरिए भी पारंपरिक टच देने का प्रयास कर रहे हैं।
50 से 500 रुपये तक के लगाई जा रही मेंहदी
मेंहदी आर्टिस्ट इंदर पिछले 16 सालों से पलटन बाजार में मेंहदी लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि डिजाइन के हिसाब से मेंहदी लगाने की कीमत कम या ज्यादा की जाती है। यह 50 से 500 रुपये तक की रेंज में है।
मेंहदी में दिख रही गढ़वाली संस्कृति की झलक
इस बार मेहंदी के डिजाइन में गढ़वाली संस्कृति का टच काफी चर्चा में हैं। मेहंदी में गढ़वाली शहनाई, डोली, दुल्हन, ढोल-दमौ आदि के डिजाइन लोगों को काफी आकर्षित कर रहे हैं।
इस तरह तैयार करते हैं मेंहदी
इंदर ने बताया कि वह मुंबई से मेहंदी पाउडर मंगाते हैं। इसके बाद दो-तीन पहले उसे पानी में घोल कर उसमें लौंग का तेल डालकर कोन तैयार कर लेते हैं। बताया कि वह मेहंदी में किसी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते। इससे स्किन की बीमारी होने का खतरा रहता है, साथ ही इससे ग्राहकों का भी भरोसा टूटता है।
आज भी कांच की चूड़ियां ही हैं सुहागिनों की पसंद
आधुनिक दौर में मैटल, पीतल, सोने और प्लास्टिक की चूडिय़ां बाजार में अपनी जगह बना रही हैं। लेकिन आज भी सुहागिनों की पहली पसंद कांच की चूडिय़ां ही हैं। कांच की चूडिय़ों को बेहद शुभ माना जाता है। पलटन बाजार में कॉस्मेटिक विक्रेता सलमान ने बताया कि उनकी दुकान पर सबसे ज्यादा कांच की चूडिय़ां बिक रहीं हैं।
वेलवेट और नल्की वाली चूड़ियों का है ट्रेंड
बाजार में इन दिनों वेलवेट और नल्की वाली चूडिय़ों का ट्रेंड चल रहा है। कांच की चूड़ी पर वेलवेट को सुंदर ढंग से सजाया जाता है। वहीं, नल्की की चूड़ियों में नग से की गई सुंदर सजावट आकर्षक लगती है। यह 50 रुपये से 100 रुपये तक की रेंज में मौजूद हैं।
रोहिणी नक्षत्र में होगा इस बार चांद
अखंड सौभाग्य और पति की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाने वाला सुहागनों का पर्व करवाचौथ इस बार शनिवार को होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 70 साल करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र और मंगल योग एक साथ बन रहा है। जिससे इस व्रत का विशेष फल प्राप्त होगा।
आचार्य संतोष खंडूड़ी के अनुसार, इस बार वर्ष बृहस्पति और चंद्रमा का दृष्टि संबंध होने से गजकेसरी राजयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा की 27 पत्नियों में से सबसे प्रिय रोहिणी के साथ संयोग होने से मार्कण्डेय योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग में व्रत और पूजा करने से पति-पत्नी के रिश्ते और मजबूत होंगे। हालांकि शुक्र ग्रह अस्त होने से सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग पड़ रहा है।
शुक्र अस्त होने से दांपत्य जीवन में प्रेम स्नेह की कमी होती है। शुक्र प्रेम का कारक है, इसलिए पति-पत्नी को शिव-पार्वती का पूजन करें। पूजन का शुभ समय 5:48 से 7:24 बजे तक रहेगा। चांद की पूजा रात नौ बजे तक की जा सकेगी। इस दिन भगवान गणेश और चंद्रमा की पूजा का विशेष प्रावधान है। सुहागनें चंद्रमा को अघ्र्य देकर धूप-दीप कर विधि-विधान से व्रत खोलें।