नई दिल्ली। देश की रक्षाजरूरतों के संदर्भ में जल्दी ही शीर्ष से बड़े फैसले हो सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीअगले हफ्ते इस क्षेत्र पर विचार के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक करने वाले हैं। मंगलवार को संभावित इस बैठक में तीनों सेनाओं का संयोजन करने के लिए ‘चेयरमैन, चीफ्स आफ स्टाफ कमेटी के दो साल के स्थायी पद को मंजूरी देने पर भी राय बन सकती है। इसी तरह वायु सेना की लड़ाकू विमानों की जरूरतों के बारे में आगे का रास्ता भी तय किए जाने की संभावना है। मौजूदा सरकार देश के रक्षा ढांचे में सुधार की जरूरत को बहुत गंभीरता से ले रही है। एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र के मुताबिक इस पर बहुत जल्दी ही गंभीर फैसले लिए जाने हैं। इस लिहाज से प्रधानमंत्री के नेतृत्व में होने वाली बैठक बहुत अहम हो सकती है। सभी संबंधित अधिकारियों को इसके लिए सभी तथ्यों के साथ मौजूद रहने को कहा गया है। सरकार की एक अहम चिंता तीनों सेनाओं में अधिक से अधिक तालमेल कायम करना और कमांड व्यवस्था को ज्यादा कारगर बनाना है। ऐसे में पूर्व कैबिनेट सचिव नरेश चंद्रा की अध्यक्षता में बनाई गई समिति की सिफारिशों पर भी गंभीरता से विचार किया जाना है।
इस समिति ने तीनों सेनाओं के बेहतर संयोजन के लिए ‘चेयरमैन, चीफ्स आफ स्टाफ कमेटी का दो साल का स्थायी पद गठित करने की सिफारिश भी की थी। इसके मुताबिक यह अधिकारी तीनों सेनाओं में से किसी से भी चुना जा सकता है। यह सेना, नौसेना और वायु सेना की ओर से सरकार को रक्षा जरूरतों के बारे में सलाह देने के लिए तो जिम्मेवार होगा ही इससे खरीद संबंधी फैसले लेने में भी तेजी आ सकेगी। इसी तरह करगिल जैसी परिस्थिति आने पर तेजी से फैसला कर उस पर अमल भी किया जा सकेगा। इसी तरह बैठक के दौरान रक्षा क्षेत्र की अहम जरूरतों पर भी चर्चा की जाएगी।