रूड़की। उच्च तकनीकी शिक्षा, इंजीनियरिंग, बुनियादी व ऐप्लाईड रिसर्च के लिए विख्यात और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान आईआईटी रुड़की ने कंसन्ट्रेटिंग सोलर टैक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए मैस में खाना पकाने के लिए स्टीम कुकिंग के क्षेत्रा में एक नई राह दिखाई है। किंतु परिसर में सौर ऊर्जा का उपयोग सिपर्फ स्टीम कुकिंग तक ही सीमित नहीं है। यहां एक व्यापक रूपफ टॉप सोलर सिस्टम भी स्थापित किया गया है जो रोजाना 1.81 मेगावाट बिजली पैदा करता है, हर रोज 4.4 लाख लीटर पानी गर्म किया जाता है और स्टीम कुकिंग होती है। सोलर स्टीम प्रोजेक्ट के तहत नौ मैसों में स्टीम कुकिंग पद्धति से खाना पकाया जाता है, इसके लिए पिछले दो वर्षों में रूपफ टॉप कंसन्ट्रेटिंग सोलर सिस्टम इंस्टॉल किया गया है और अंतिम इंस्टॉलेशन को इस साल फरवरी में सक्रिय किया गया। कंसन्ट्रेटिड सोलर टैक्नोलॉजी 10-12 बार प्रैशर के साथ 150-160 डिग्री सेंटीग्रेड की रेंज में ताप उत्पन्न करती है। यह ताप व दबाव संस्थान में भोजन पकाने के लिए आदर्श है। कंसन्ट्रेटिड सोलर टैक्नोलॉजी के फायदे 20 वर्षों तक मिलेंगे। सीधे विनिर्माता से परिचालन व प्रबंध्न सेवाएं ली गई हैं जिससे निरंतर उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न नवीकरणीय स्त्रोतों से स्थिर व उत्तम बिजली प्राप्त करने की दिशा में जो विविध् पहलकदमियां की हैं उन्होंने देश में अब परिणाम देने शुरु कर दिए हैं। कार्बन फुटप्रिंट घटाने के लिए तथा जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता में कमी लाने के लिए नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय व आईआईटी रुड़की ने सपफलतापूर्वक संस्थान के परिसर में व्यापक सोलर सिस्टम इंस्टॉल करने का काम पूरा किया है जो कि देश में इस प्रकार का पहला काम है। इसके परिणाम बेहद प्रभावशाली रहे हैं और इसने देश के बाकी संस्थानों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।