नई दिल्ली। दिवाली के बाद जमकर हुई आतिशबाजी का प्रभाव दिल्ली-एनसीआर पर पड़ना जारी है। लगातार तीसरे दिन दिल्ली के ज्यादातर इलाकों के साथ एनसीआर में भी हवा जहरीली है। जानकारों की मानें तो हालात जल्द नहीं सुधरने वाले। विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले कुछ दिनों तक हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार होने वाला नहीं है। शनिवार को भी पलूशन के खतरनाक स्तर पर बने रहने की आशंका है। वहीं, सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही हालात नहीं सुधरे तो दिल्ली में ऑड-इवेन लागू करने पर विचार करने के साथ स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा भी की जा सकती है। बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली में AQI का आकड़ा 533, पीजीडीवी कॉलेज के आसपास और श्रीनिवासपुरी के पास 422 और आरके पुरम में 278 रहा। इन आकड़ों को स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक माना जाता है। इसके अलावा, दिल्ली में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर भी खराब है। दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 407 पर पहुंच गया है, जो बेहद खतरनाक है। वहीं, पीएम 10 का स्तर 277 पर है जो संतोषजनक कहा जा सकता है, लेकिन यह दिनभर में और बढ़ सकता है।वहीं, दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने शुक्रवार को पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के साथ दिल्ली की खराब होती हवा के मद्देनजर बातचीत की। उन्होंने इमरजेंसी जैसे हालात पर चिंता जताई और अधिकारियों को कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के सदस्यों की तरफ से भी दिल्ली के हालात पर पैनी नजर रखी जा रही है। ईपीसीए की तरफ से कहा गया है कि इमरजेंसी हालात में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) के चौथे चरण को भी लागू किया जाएगा। ऐसा तभी होगा जब लगातार 48 घंटों तक दिल्ली की हवा बेहद गंभीर रहेगी। हमें शनिवार का इंतजार है। ग्रेप के चौथे चरण में स्कूलों को बंद करने, ऑड-इवेन लागू करने, पार्किंग शुल्क बढ़ाने जैसे नियम शामिल हैं। यहां पर बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति में है। दिवाली के अगले दिन बृहस्पतिवार को प्रदूषण का स्तर बहुत खराब स्तर पर था, लेकिन शुक्रवार को यह 33 प्वाइंट और ज्यादा बढ़ गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मॉनिटरिंग स्टेशन में शुक्रवार को एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 423 दर्ज हुआ। गुरुवार को यह 390 था। साथ ही तीन वर्षो में इस बार दिवाली के दूसरे दिन प्रदूषण का स्तर काफी अधिक था। दोपहर बाद हवा की रफ्तार थम जाने से ऐसा हुआ।