विकासनगर, देहरादून : देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में पिनटेल्स भी प्रवास पर पहुंच चुकी है। इससे पहले नौ प्रजातियों के विदेशी परिंदे प्रवास पर आ चुके हैं।
आसन नमभूमि क्षेत्र में देशी विदेशी परिंदों की 28 से अधिक प्रजातियां हैं। चकराता वन प्रभाग की लोकल गणना में अभी तक प्रवासी परिंदों की संख्या 22 सौ के करीब आंकी गई है। वर्तमान में आसन नमभूमि में विदेशी प्रजातियां पिनटेल्स, मैलार्ड, पलाश फिश ईगल, सुर्खाब, कामनकूट, गैडवाल, लिटिल ग्रेब, इरोशियन विजन, कामन पोचार्ड, टफ्ड पोचार्ड आदि पहुंच चुकी हैं।
अभी कई और विदेशी परिंदों की प्रजातियां यहां पर प्रवास पर आनी है। पिनटेल्स के आने से पक्षी प्रेमी भी उत्साहित हैं। अपनी नुकीली पूंछ के चलते पिनटेल्स पक्षी प्रेमियों को लुभाती है, वहीं रुडी शेलडक यानि सुर्खाब अपने सोने से दमकते पंखों से पक्षी प्रेमियों को लुभा रहे हैं।
पलास फिश ईगल का हर साल प्रवास पर एक जोड़ा आता था, लेकिन अभी तक एक पक्षी ही पहुंचा है, जो अपने साथी के प्रवास पर आने का इंतजार कर रहा है। यहां पर हर साल पलाश फिश ईगल का एक जोड़ा आकर सेमल के पेड़ पर अपना आशियाना बनाता है और अक्टूबर से मार्च तक की अवधि अपने आशियाने में बिताता है।
पक्षी प्रेमी व पर्यटक बोटिंग के साथ बर्ड वाचिंग का आनंद ले रहे हैं। बर्ड वाचिंग व्यू से भी पर्यटक प्रवासी परिंदों का दीदार कर रहे हैं। आसन रेंज के वन बीट अधिकारी व पक्षी विशेषज्ञ प्रदीप सक्सेना के अनुसार नवंबर अंतिम सप्ताह तक आसन नमभूमि क्षेत्र में विदेशी परिंदों की संख्या काफी बढ़ जाएगी।
ये परिंदे बढ़ाते हैं आसन नमभूमि की शान
देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन नमभूमि क्षेत्र में वूली नेक्टड, कामन पोचार्ड, टफ्ड डक, पर्पल स्वेप हेन, कामन मोरहेन, कामन कूट, ब्लैक विंग्ड स्किल्ड, रीवर लोपविंग, ब्लैक हेडेड गल, पलास फिश ईगल, इरोशियन मार्क हेरियर, लिटिल ग्रेब, डारटर, लिटिल कोरमोरेंट, लिटिल इ ग्रेट, ग्रेट इ ग्रेट, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन कामन किंगफिशर, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, पेंटेड स्टार्क, रुडी शेलडक, ब्लैक आइबीज नया नाम रेड कैप्ट आइबीज, पलास फिश ईगल, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, ग्रे लेग गूज, रुडी शेलडक, गैडवाल, इरोशियन विजन, मैलार्ड, स्पाट बिल्ड डक, पाइज्ड किंगफिशर।