देहरादून। पुलिस लाइन स्थित सभागार कक्ष में चारधाम यात्रा के दृष्टिगत सड़को पर घटित होने वाली दुर्घटनाओं के अनुक्रम में सिनर्जी अस्पताल देहरादून के आगंतुक चिकित्सीय टीमों डॉ० प्रवीण मित्तल (ऑर्थाे), डॉ सुधीर कुमार सिंह व उनके सहयोगी मार्केटिंग टीम के सदस्यों द्वारा पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों, सी०पी०यू०, रिक्रूट आरक्षीयों पुरुष/महिला, पी०ए०सी० बल व बस एवं टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों व वाहन चालकों को बेसिक लाइफ सपोर्ट फर्स्ट एड तथा सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डॉ० सदानंद दाते, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून व कार्यशाला का संचालन श्री धीरेन्द्र गुंज्याल, पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून द्वारा किया गया।
कार्यशाला में विशिष्ट आगंतुकों एवं मौजूद वाहन चालकों व का आभार प्रकट करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा चार धाम यात्रा को सुचारु/सुगम बनाने के लिए प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी को फर्स्ट ऐड की जानकारी का होना आवश्यक बताया गया। उनके द्वारा बताया गया कि सड़क दुर्घटना जब होती है तो प्रथम दृष्टया सड़क पर पुलिस बल ही पहुंचता है, ऐसे में प्रथम रिस्पांस (पहला व्यक्ति), चाहे वह चालक, पुलिस, जनता ही क्यों ना हो, घायल व्यक्ति के लिए जीवनदाता माना जाता है। पुलिस अधीक्षक यातायात के इस अनूठे पहल की उनके द्वारा सराहना की गई।
चिकित्सीय टीमों में डॉक्टर सुधीर द्वारा प्रोजेक्टर स्लाइड के माध्यम से दुर्घटना होने के बाद बेसिक लाइफ सपोर्ट देने में पुलिस की भूमिका को खास तवज्जो देते हुए कहा गया कि फर्स्ट एड से किसी भी व्यक्ति की कीमती जान को बचाया जा सकता है।सी०पी०आर० रेस्क्यू के माध्यम से हार्ट को जान दी जा सकती है। इस क्रिया का मुख्य उद्देश्य धड़कनों को वापस किया जाना होता है ।सड़क दुर्घटनाओं में ब्रेन डैमेज की स्थिति में ६-७ मिनट में व्यक्ति को आक्सीजन की आवश्यकता होती है। मरीज की पहचान करते हुए की उसे क्या दिक्कत है, तात्कालिक प्रभाव से एंबुलेंस को कॉल करते हैं। ट्रैफिक कर्मियों को शरीर में जल आपूर्ति के लिक्विड इन्टेक मेंटेन करना चाहिए, पानी में नमक, निंबू मिलाकर वॉटर कैरियर साथ में रखना चाहिए। आंखों के बचाव हेतु सन ग्लासेज, मास्क का प्रयोग करना चाहिये, जिससे सोडियम पोटेशियम की कमी की पूर्ति हो जाएगी। खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए तथा मेडिकल हेल्थ चेकअप भी समय- समय पर कराना चाहिए।