प्रदूषण का शिकंजा और कसेगा

नई दिल्ली। जलन और घुटन भरी सांसें लेने को विवश दिल्ली-एनसीआर को फिलहाल राहत के आसार नहीं हैं। दिवाली के पटाखों का धुआं शनिवार सुबह कुछ छंटना शुरू हुआ भी तो शाम तक पंजाब में जमकर जलाई गई पराली का धुआं आने लगा। नतीजा, शनिवार रात से ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) फिर बढ़ने लगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सिफारिश पर इपीसीए ने एनसीआर में चल रहे तमाम प्रतिबंध 12 नवबंर तक बढ़ा दिए हैं। इपीसीए के अध्‍यक्ष भूरेलाल ने बताया कि दिल्‍ली तब तक हाईअलर्ट पर रहेगी। निर्माण कार्यों पर रोक भी जारी रहेगी। हालांकि मरम्‍मत और निर्माण सामग्री के बगैर होने वाले कार्य किए जा सकेंगे। कोयले ओर बायोमास से चलने वाली औद्योगिक इकाइयां भी बंद रहेंगी। ईंट भट्ठे बंद रहेंगे।सफर इंडिया ने रविवार को फिर से दिल्ली का एक्यूआइ आपात स्थिति में पहुंचने की आशंका जताई है। ऐसे में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) अब डीजल के साथ निजी पेट्रोल वाहनों पर रोक लगाने पर विचार कर रहा है। दिल्ली में निजी वाहनों पर प्रतिबंध के क्रम में केवल सीएनजी वाहन चलेंगे, डीजल और पेट्रोल चालित वाहन बंद रहेंगे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद परिवहन विभाग अभी तक पेट्रोल-डीजल गाड़ियों में भेद करने वाले हरे और नीले स्टिकर जारी नहीं कर सका है। इसलिए इन गाड़ियों में अंतर करना आसान नहीं होगा। उधर, शुक्रवार रात पंजाब में पराली जलाने की 2100 से भी ज्यादा घटनाएं दर्ज हुई थीं।

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