दून मेडिकल कॉलेज में उत्तराखंड के मरीजों को प्राथमिकता

देहरादून। यूपी व हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों के मरीजों को दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में अब आपात स्थिति व बेड की उपलब्धता के अनुसार ही भर्ती किया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सामान्य स्थिति में इन मरीजों को यथोचित स्थान के लिए रेफर कर दिया जाए। उत्तराखंड के मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर भर्ती किया जाए। स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिए कि मरीज बेड की उपलब्धता के अनुसार ही भर्ती किए जाएं। बेड न होने पर बरामदा या गैलरी में किसी भी दशा में मरीज का न रखा जाए। ऐसे मरीजों को 108 एंबुलेंस की मदद से निकटवर्ती अस्पताल में भेजा जाए। इसके लिए मेडिकल कॉलेज में 24 घटे पर्याप्त संख्या में 108 एंबुलेंस तैनात रहेंगी। बैठक में अपर सचिव युगल किशोर पंत, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टीसी पंत, चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना, स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अमिता उप्रेती, निदेशक एनएचएम डॉ. अंजली नौटियाल, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा, महिला विंग की अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी जोशी, महिला एवं प्रसूति रोग की विभागाध्यक्ष डॉ. चित्रा जोशी, डॉ. केसी पंत, स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. अर्चना श्रीवास्तव आदि उपस्थित है। अब मरीज के साथ एक ही तीमारदार निर्धारित समय अवधि में रह पाएगा। उन्हें चिकित्सालय द्वारा पास जारी किया जाएगा। चिकित्सालय के सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से अराजक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। चिकित्सा अधीक्षक को मिले वित्तीय-प्रशासनिक अधिकार दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर शासन ने चिंता जताई है। स्वास्थ्य सचिव ने व्यवस्थाओं में सुधार एवं त्वरित कार्रवाई के लिए चिकित्सा अधीक्षक को वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार दिए जाने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा अधीक्षक तीन सदस्यों की समिति के परामर्श अनुसार चिकित्सालय के दैनिक एवं प्रशासनिक कार्यो को त्वरित स्तर पर निस्तारित करेंगे। समिति में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा के अलावा डॉ. केसी पंत व डॉ. मीनाक्षी जोशी शामिल रहेंगे।

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