देहरादून। सरकार ने नंदा-गौरा योजना का लाभ लेने वालों की आय का दायरा बढ़ा दिया है। अब प्रतिमाह छह हजार (वार्षिक 72 हजार) रुपये कमाने वाले भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे। पहले ग्रामीण क्षेत्रों में 36000 और शहरी क्षेत्र में 42000 तक की वार्षिक आय वालों को ही इस योजना का लाभ मिलता था। इस योजना के तहत कन्या के जन्म से लेकर पढ़ाई व शादी तक कुल 51 हजार रुपये की मदद सरकार द्वारा की जाती है।
प्रदेश में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग व समाज कल्याण विभाग में संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को एकीकृत कर नंदा-गौरा योजना शुरू की गई है। पूर्व में इस योजना का लाभ लेने के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आय के मानक अलग-अलग रखे गए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां प्रतिवर्ष 36000 रुपये (तीन हजार मासिक) तक आय वालों को ही इस योजना का लाभ मिलता था तो वहीं शहरी क्षेत्रा में आय की यह सीमा 42000 रुपये थी।
बीते विधानसभा सत्र में सदन में कई विधायकों ने यह मुद्दा उठाया था। उनका तर्क था कि न्यूनतम मजदूरी बढ़ चुकी है और आय के मानक इतने कम होने से लोग इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। सदन के भीतर महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने आय की सीमा को बढ़ाने का आश्वासन दिया था। अब इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से आय में बदलाव के संबंध में सूचना जारी कर दी गई है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि अब शहरी व ग्रामीण क्षेत्र दोनों में ही 72000 रुपये मासिक आय वालों तक को अब इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि सरकार कन्याओं के उत्थान, साक्षरता एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना को मूर्तरूप देने के लिए सरकार ने नंदा-गौरा योजना में संशोधन किया है। इस योजना के तहत कन्याओं के जन्म से लेकर पढ़ाई एवं शादी तक सरकार की ओर से मदद दी जाएगी।