आखिर क्यों मनाई जाती है गुरु नानक जयंती

नई दिल्ली। Guru Nanak Jayanti 2018 आज गुरू नानक जयंती है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी (Guru Nanak Jayanti) के जन्म दिवस के दिन गुरु पर्व या प्रकाश पर्व (Guru Parv or Prakash Parv) मनाया जाता है। इस दिन सिख समुदाय के लोग वाहे गुरु, वाहे गुरु जपते हुए सुबह-सुबह प्रभात फेरी निकालते हैं। गुरुद्वारे में शबद-कीर्तन करते हैं, रुमाला चढ़ाते हैं, शाम के वक्त लोगों को लंगर खिलाते हैं। गुरु नानक जी के जन्म को लेकर धर्म प्रमुखों में आज भी कई मतभेद हैं, लेकिन जन्म तिथि के अनुसार आज ही के दिन गुरू नानक जयंती पर्व मनाया जाता है। उनका जन्म रावी नदी के किनारे बसे गांव लोखंडी में हुआ था, जोकि अब पाकिस्तान का हिस्सा है। यही कारण है कि गुरू नानक देव की जयंती पर हजारों की संख्या में सिख श्रद्धालु पाकिस्तान के लिए रवाना हो जाते हैं। गुरु नानक ने सिख धर्म की स्थापना की थी। गुरु पर्व (Guru Parv) के दिन सिख धर्म के लोग अपनी श्रृद्धा के अनुसार सेवा करते हैं और गुरु नानक जी के उपदेशों यानी गुरुवाणी का पाठ करते हैं। बता दें गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है। यह कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन मनाई जाती है। सिख समुदाय के लोग दिपावली के 15 दिन बाद आने वाली कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही गुरु नानक जयंती मनाते हैं। यहां जानिए गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) से जुड़ी खास बातें। गुरु पर्व या प्रकाश पर्व (Guru Parv or Prakash Parv) गुरु नानक जी (Guru Nanak Ji) की जन्म की खुशी में मनाते हैं।गुरु नानक देव जी (Guru Nanak) का अवतरण (Guru Nanak Birthday) संवत्‌ 1526 में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन हुआ था। नानक जी का जन्म रावी नदी के किनार स्थित तलवंडी नामक गांव खत्रीकुल में हुआ था। तलवंडी का नाम आगे चलकर नानक के नाम पर ननकाना पड़ गया। यहां बहुत ही प्रसिद्ध गुरुद्वारा ननकाना साहिब (Gurdwara Nankana Sahib) भी है, जो सिखों का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माना जाता है। इस गुरुद्वारे को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। बता दें, शेर-ए पंजाब (Sher-E-Punjab) नाम से प्रसिद्ध सिख साम्राज्य के राजा महाराजा रणजीत सिंह (Maharaja Ranjit Singh) ने ही गुरुद्वारा ननकाना साहिब का निर्माण करवाया था।

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