सौभाग्य योजना में छूटे परिवारों को कनेक्शन देना उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के लिए चुनौती

देहरादून। प्रदेशभर के ग्रामीण परिवारों को बिजली कनेक्शन से जोड़ने निकली सौभाग्य योजना को समाप्त होने में अब महज सात दिन शेष रह गए हैं और अभी भी नौ हजार घरों को बिजली कनेक्शन से जोड़ना बाकी है। इस सीमित अवधि में छूटे परिवारों को कनेक्शन देना उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। अब यह देखना होगा कि यूपीसीएल निर्धारित समय में लक्ष्य को पूरा कर पाता है या नहीं। दरअसल, सौभाग्य योजना शुरू से ही यूपीसीएल के अधिकारियों की उदासीन कार्यशैली के चलते सवालों में घिरी रही। इसे लेकर सचिव ऊर्जा राधिका झा भी कई बार नाराजगी व्यक्त कर चुकी हैं। यहां तक कि पिछले हफ्ते हुई बैठक में तो राधिका झा यूपीसीएल एमडी को लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दे चुकी हैं।

यही वजह है कि अब जैसे-जैसे अंतिम तिथि नजदीक आ रही है विभागीय अधिकारियों पर दबाव साफ महसूस किया जा सकता है। इसे लेकर यूपीसीएल के प्रवक्ता एके सिंह ने बताया कि निर्धारित समय के भीतर लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। बता दें कि सौभाग्य योजना के तहत 30 नवंबर तक प्रदेशभर में ग्रामीण क्षेत्रों के साढ़े तीन लाख घरों में बिजली के कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा था। दो हजार कनेक्शनों पर भी सवाल एक नवंबर तक 60 हजार कनेक्शन शेष थे।

यूपीसीएल के अधिकारियों को दावा है कि वे प्रतिदिन 2000 घरों में कनेक्शन दे रहे हैं। ऐसे में सवाल भी उठ रहे हैं कि लंबे समय से नींद में सोए अधिकारी आखिरकार इतने मुस्तैद कैसे हो सकते हैं। यह भी चर्चाएं हैं कि दबाव के चलते कागजों में ही औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।

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