हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद राजधानी में नहीं हट पाया सरकारी अतिक्रमण

देहरादून। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद राजधानी में सरकारी अतिक्रमण नहीं हट पाया है। स्थिति यह है कि लाल निशान लगाने के बाद सड़क, फुटपाथ और सरकारी जमीनों पर अवरोधक बनी चहारदीवारी भी जस की जस हैं। जबकि सड़कों पर मौजूद अतिक्रमण भी जिम्मेदार विभागों को नहीं दिख रहा है।

हाईकोर्ट ने 18 जून को आदेश दिए थे कि राजधानी की सड़क, नाली, फुटपाथ, गली और सरकारी जमीनों पर किए गए अतिक्रमण को हटाया जाए। इसके लिए 27 जून से अभियान शुरू हुआ। निजी अतिक्रमण के साथ प्रशासन ने शहर के चार जोन में सरकारी अतिक्रमण को भी चिह्नित किया। इस दौरान जेसीबी लगाकर कुछ अतिक्रमण ध्वस्त भी किया गया। लेकिन, तीन माह से बंद पड़े अभियान के चलते सरकारी विभागों ने भी चिह्नित अतिक्रमण हटाने से हाथ खींच लिए हैं।

स्थिति यह है कि धर्मपुर, हरिद्वार रोड, सहारनपुर रोड, चकराता रोड, जीएमएस रोड आदि इलाकों में बिजली के ट्रांसफार्मर, बिजली के पोल, नाली, फुटपाथ और चहारदीवारी आवाजाही में बाधक बन रहे हैं। कई जगह सरकारी अतिक्रमण दुर्घटना का भी कारण बन रहे हैं। हरिद्वार रोड पर रोडवेज वर्कशॉप की दीवार आधी ध्वस्त कर छोड़ दी गई। इसी तरह डालनवाला में पुलिस थाना, करनपुर चौकी, आराघर चौकी की चहारदीवारी भी अतिक्रमण के निशान लगने के बाद नहीं हट पाई है। कचहरी परिसर में हरिद्वार रोड और जिलाधिकारी कार्यालय को जाने वाली सड़क पर भी सरकारी दीवार अतिक्रमण में चिह्नित की गई है। इसी तरह ईसी रोड पर सर्वे ऑफ इंडिया की चहारदीवारी आधी तोड़ी और आधी छोड़ दी है।

दून स्कूल की दीवार भी आधी हटी

चकराता रोड में दून स्कूल की दीवार भी आधी हट पाई है। यहां अतिक्रमण हटने के बाद सड़क दो से तीन मीटर खुल जाएगी। मगर, स्कूल प्रशासन ने कुछ मीटर दीवार पीछे कर दी। हालांकि, अभी भी यहां दोनों तरफ अतिक्रमण चिह्नित दीवार पर निशान लगे हुए हैं।

जहां अतिक्रमण चिह्नित किया गया, वहां कार्रवाई की जाएगी

एसए मुरूगेशन, जिलाधिकारी का कहना है कि अभियान के दौरान जहां अतिक्रमण चिह्नित किया गया, वहां कार्रवाई की जाएगी। सरकारी अतिक्रमण हटाने के लिए भी योजना बनाई गई है। विभागों ने पोल, ट्रांसफार्मर, सीवर लाइन शिफ्ट करने के लिए बजट की मांग की है। बजट मिलते ही अतिक्रमण हटा दिया जाएगा।

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