देहरादून। प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों, डिग्री कॉलेजों और सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेजों के सैकड़ों शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले होने जा रही है। नए साल के मौके पर उन्हें सातवें वेतनमान की सौगात मिलना तकरीबन तय हो गया है। वहीं, केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में बड़ा इजाफा किया है।
विवि शिक्षकों को सातवां वेतन देने का रास्ता साफ
प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों, डिग्री कॉलेजों और सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेजों के सैकड़ों शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले होने जा रही है। नए साल के मौके पर उन्हें सातवें वेतनमान की सौगात मिलना तकरीबन तय हो गया है। इस संबंध में विभागीय पत्रावली को गुरुवार को उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने मंजूरी दे दी है।
राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों, डिग्री कॉलेजों और सहायतप्राप्त डिग्री कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का इंतजार अब खत्म होने को है। उक्त शिक्षक व कार्मिक लंबे समय से सातवां वेतन देने को सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं। खराब माली हालत का हवाला देते हुए सरकार अब तक निर्णय नहीं ले पाई। विश्वविद्यालयों के तमाम शिक्षक संगठन सातवें वेतनमान को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। विश्वविद्यालयों में शैक्षिक कैलेंडर, सत्र को व्यवस्थित करने समेत कई सुधारात्मक कदम उठाने के बाद आखिरकार उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ रावत ने शिक्षकों की मांग पर हामी भर दी है। उच्च शिक्षा महकमे ने सातवें वेतनमान से संबंधित फाइल को उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। इससे उक्त विषय कैबिनेट के समक्ष रखे जाने का रास्ता साफ हो गया है। शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में विश्वविद्यालय शिक्षकों को सातवां वेतनमान देने पर मुहर लग सकती है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ा
प्रदेश की 35 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नए साल में दाखिल होने से ऐन पहले तोहफा मिल गया है। केंद्र सरकार ने उनके मानदेय में बड़ा इजाफा किया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब प्रतिमाह 1500 रुपये, सहायिकाओं को 750 रुपये और मिनी कार्यकर्ताओं को 1250 रुपये बढ़कर मिलेंगे। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किए।
बढ़ा हुआ मानदेय एक अक्टूबर, 2018 से लागू किया गया है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से उक्त मानदेय वृद्धि के संबंध में बीती 20 सितंबर, 2018 को पत्र भेजा गया था। उक्त पत्र में केंद्र सरकार की ओर से मानदेय को पुनरीक्षित किया गया है। आदेश के मुताबिक आंगनबाड़ी सहायिकाओं को प्रतिमाह मानदेय के तौर पर 2250 रुपये धनराशि के अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्रों के सफल संचालन एवं आवंटित कार्यो को पूरा करने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप प्रतिमाह 250 रुपये अतिरिक्त दिया जाएगा।
केंद्र से मानदेय के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को राज्य सरकार की ओर से भी मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। केंद्र के पुनरीक्षित मानदेय के मुताबिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 7500 रुपये, सहायिकाओं को 3700 रुपये और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 4750 रुपये हर महीने मिल सकेंगे। प्रदेश सरकार अपनी ओर से भी आंगनबाड़ी, कार्यकर्ताओं को 3000 रुपये, सहायिका को 1500 रुपये और मिनी कार्यकर्ता को क्रमश: 1250 रुपये मानदेय उपलब्ध करा रही है। राज्य में इस वक्त 14947 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 14947 आंगनबाड़ी सहायिका और 5120 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं।