48 दिन बाद भी चुनाव आयोग को लेखा-जोखा नहीं दे पा रही कांग्रेस

नई दिल्ली। हाल में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा शासित तीन राज्यों में तख्ता पलट करते हुए शानदार जीत दर्ज की। चुनाव से पहले कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर राफेल डील में घोटाले, नोटबंदी में भ्रष्टाचार और कुछ बड़े उद्योगपतियों के साथ गबन के कई आरोप लगाए। इसके विपरीत एक सच्चाई ये भी है कि खुद कांग्रेस ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए चुनाव आयोग को पार्टी की ऑडिट रिपोर्ट नहीं सौंपी है। वहीं अन्य पार्टियों द्वारा दी गई ऑडिट रिपोर्ट में भाजपा आय व व्यय में सबसे आगे है। आइये जानतें है अन्य पार्टियों के आय व्यय का हाल।एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा जारी की गई वित्तीय वर्ष 2017-18 की ऑडिट रिपोर्ट में राष्ट्रीय दलों के आय एवं व्यय का विश्लेषण किया गया है। इसके अनुसार भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआइ) ने 19 नवंबर 2014 को राजनीतिक दलों के अध्यक्षों/महामंत्रियों को सम्बोधित करते हुए अपने पत्र में लिखा था कि सभी दलों को उनकी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इसके बाद से सभी राजनीतिक दल प्रत्येक वर्ष चुनाव आयोग को अपनी ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करती हैं।राजनीतिक पार्टियों द्वारा वर्ष 2017-18 की ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 30 अक्टूबर 2018 की समय सीमा निर्धारित की गई थी। एडीआर की इस रिपोर्ट में 6 राष्ट्रीय दलों (कांग्रेस को छोड़कर) के कुल आय और व्यय का विश्लेषण है, जो उन्होंने वित्तिय वर्ष 2017-18 के लिए अपने आयकर में भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है।मालूम हो कि देश के राष्ट्रीय राजनीतिक दलों में भारतीय जनता पाटी (भाजपा), इंडियन नेशनल कांग्रेस (कांग्रेस), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (सीपीआई), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सिस्ट) (सीपीएम) और आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (एआइटीसी) पार्टी शामिल है

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