बैतूल। नगर के कोठीबाजार में स्थित शासकीय सीनियर अनुसूचित जाति छात्रावास में रहकर कक्षा 11वीं की पढ़ाई कर रही छात्रा अपने कमरे में चुनरी से फांसी के फंदे पर झूलती पाई गई। सूचना मिलते ही अधीक्षिका एवं अन्य छात्राओं ने उसे फांसी के फंदे से नीचे उतारा और तत्काल ही जिला अस्पताल लाए। यहां परीक्षण के बाद चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।प्राप्त जानकारी के अनुसार आमला ब्लाक के ग्राम गुबरैल में रहने वाले सतीष झरबड़े की पुत्री आशिका झरबड़े बैतूल के महारानी लक्ष्मीबाई विद्यालय में कक्षा 11वीं में पढ़ती थी, उसका सीनियर अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास में कुछ महीने पहले ही प्रवेश हुआ था। रविवार को वह अधीक्षिका को बिना बताए अपने रिश्तेदार के घर चली गई थी और देर रात्रि में वापस लौटी थी। इसी बात को लेकर अधीक्षिका कंचन धुर्वे ने उसे डांटा और अनुशासन बनाए रखने की हिदायत दी थी।सोमवार को आशिका स्कूल गई और शाम को वापस लौटने के बाद उसने अपनी चुनरी से फांसी का फंदा बनाया और उस पर झूल गई। स्कूल से लौटी उसके कमरे में रहने वाली अन्य छात्राओं ने जब उसे फंदे पर झूलता देखा तो अधीक्षिका को सूचना दी और उसे लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन तब तक उसने दम तोड़ दिया था। छात्रा द्वारा आत्महत्या करने की जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी एवं प्रभारी सहायक आयुक्त बीएस बिसोरिया जिला अस्पताल पहुंचे और अधीक्षिका से पूछताछ की।छात्रावास की अधीक्षिका कंचन धुर्वे ने बताया कि सोमवार की सुबह छात्रा ने भविष्य में अनुशासन में रहने का भरोसा दिलाया था। उन्होंने उसे नियमों का पालन करने के लिए हिदायत भर दी थी। पिछले कुछ दिन से वह डिप्रेशन में लग रही थी और कमरे में रहने वाली अन्य छात्राओं ने भी यही बताया था