बीपीएड और एमपीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों ने राज्य सरकार के खिलाफ निकाली भड़ास, मांगी भीख

देहरादून। बीपीएड और एमपीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों ने घंटाघर और उसके आसपास भीख मांगी। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश चंद्र पांडेय ने कहा कि सरकार उन्हें व्यायाम प्रवक्ताओं के पद पर नियुक्ति नहीं दे रही और न ही स्कूलों में शारीरिक शिक्षा के विषय को अनिवार्य किया जा रहा है। इसे लेकर युवाओं में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि बीपीएड-एमपीएड प्रशिक्षित पिछले 288 दिन से परेड मैदान स्थित धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे हैं। न केवल घर-परिवार से दूर हैं बल्कि गंभीर आर्थिक संकट से भी गुजर रहे हैं। उस पर न विभाग सुन रहा है और न सरकार व शासन। यहां तक की सरकार का कोई नुमाइंदा तक धरना स्थल पर नहीं आया। ऐसे में भीख मांगने के अलावा अब कोई चारा नहीं बचा है।

इससे पहले प्रशिक्षित बेरोजगारों ने इंदिरा मार्केट, तिब्बती मार्केट और घंटाघर पर लोगों से भीख मांगी। जिसमें दिनेश कोहली, हरेंद्र खत्री, सुमन सिंह नेगी, अर्जुन लिंगवाल, हिमांशु राजपूत, रामशाह, पुष्पा पाटनी, घनश्याम कपूर, मातबर भारती, हंसा बिष्ट, चंपा वर्मा आदि मौजूद रहे।

शिक्षा मित्र सचिवालय कूच करते गिरफ्तार 

प्राथमिक सहायक अध्यापक पद पर नियमितिकरण की मांग को लेकर सचिवालय कूच कर रहे डीएलएड, टीईटी उत्तीर्ण शिक्षा मित्रों को पुलिस ने धरनास्थल से गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। बीते तीन सप्ताह में शिक्षा मित्रों का यह चौथा कूच था। अभी तक किसी भी अधिकारी से उनकी वार्ता नहीं हुई है

शिक्षा मित्रों ने डीएलएड टीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षित शिक्षा मित्र महासंघ के बैनर तले परेड मैदान स्थित धरना स्थल से सचिवालय कूच किया। वहां मौजूद पुलिस बल ने जिला प्रशासन से मंजूरी न लिए जाने का हवाला देकर उन्हें कूच न करने की अपील की, लेकिन शिक्षा मित्र नहीं माने। जिस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष खजान सिंह चौहान ने कहा कि उन्हें एक साल बाद भी सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति नहीं मिली।

इससे पूर्व शासन ने 1500 टीईटी पास शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पदों पर नियुक्ति दी, लेकिन अब 200 प्रशिक्षित शिक्षा मित्रों की मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। पिछले तीन माह में शिक्षा मित्र सचिवालय, विधानसभा व सीएम आवास कूच कर चुके हैं। लेकिन सरकार व शासन फिर भी नहीं चेत रहे हैं।

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