नोएडा। हिंदुस्तान कैंडल मैनुफैक्चरिंग कंपनी के निदेशक सुनील गुप्ता ने अपनी मृत मां कमलेश गुप्ता को जिंदा दिखा कर करोड़ों रुपये कीमत की कंपनी दो बेटों को गिफ्ट डीड में दे दी। पुलिस आरोपित सुनील के साथ पत्नी राधा गुप्ता और बेटे अभिषेक गुप्ता को नवी मुम्बई स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर लेकर नोएडा आई। मंगलवार को तीनों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।भाई विजय गुप्ता ने सुनील गुप्ता पर 283 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने और फर्जी दस्तावेज तैयार कर कंपनी को बेटों के नाम करने का आरोप लगाया है। कोर्ट के आदेश पर कोतवाली सेक्टर 20 में एक दिसंबर को सुनील गुप्ता, पत्नी राधा गुप्ता, बेटे अभिषेक गुप्ता व अनुराग गुप्ता, बीएन शुक्ला, आर कुमारन समेत 9 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट की गई थी।सेक्टर 15ए में रहने वाले विजय गुप्ता का कहना है कि 1980 में उनके माता-पिता ने हिंदुस्तान कैंडल मैनुफैक्चरिंग कंपनी खोली थी। दोनों की 2011 में मौत हो गई। इसके बाद वह और उनके भाई सुनील गुप्ता कंपनी के निदेशक बन गए। कंपनी में दोनों भाइयों का 48.17 फीसद की हिस्सेदारी है।विजय गुप्ता का कहना कि उनकी मां का निधन 7 मार्च 2011 को हुआ था। मरने से पहले उनकी मां ने दोनों भाइयों को बराबर का हिस्सेदार बनाते हुए मुम्बई स्थित सब रजिस्ट्रार कार्यालय में 17 नवंबर 2003 को वसीयत पंजीकृत कराया था। मां की मौत के 7 दिन बाद ही सुनील गुप्ता ने फर्जी जीपीए तैयार करते हुए मुम्बई की संपत्ति को 14 मार्च 2011 अपने दोनों बेटों के नाम गिफ्ट डीड के माध्यम से हस्तांतरित कर दी। सब रजिस्ट्रार को मां को जिंदा दिखाने के लिए उन्होंने फर्जी शपथ पत्र भी सौंपा है। बीएन शुक्ला और आर कुमारन ने गवाही दी है, जबकि मां के अंतिम संस्कार में दोनों शामिल हुए थे।