देहरादून। लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी, मसूरी से पकड़ी गई फर्जी आइएएस रूबी चौधरी प्रकरण में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) मनींद्र मोहन पांडेय की अदालत ने सभी 104 गवाहों को बयान के लिए नोटिस भेजा है। गवाही की प्रक्रिया मंगलवार से ही शुरू होनी थी, लेकिन बार एसोसिएशन की आमसभा के चलते बचाव पक्ष ने हाजिरी माफी मांग ली। इस पर अदालत ने केस की सुनवाई के लिए सात फरवरी की तारीख नियत की है। रूबी चौधरी का प्रकरण अप्रैल 2015 में सामने आने के बाद दून से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया था। आरोप था कि मुजफ्फरनगर की रहने वाली रूबी चौधरी करीब छह महीने तक फर्जी प्रशिक्षु बनकर अकादमी में रहती रही। मामले में एलबीएस अकादमी प्रशासन की तहरीर पर मसूरी कोतवाली में रूबी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत चार धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया। मुकदमा दर्ज होने के बाद दो दिन बाद रूबी के गिरफ्तार होने पर मामला देश भर में कई हफ्ते तक सुर्खियों में बना रहा। हालांकि, बाद में उसे जमानत मिल गई। बीते 11 सितंबर को सुनवाई के दौरान रूबी पर आरोप तय कर दिए गए। रूबी के अधिवक्ता अरुण खन्ना ने बताया कि केस अब गवाही में है। प्रकरण में दोनों पक्षों से कुल 104 लोगों की गवाही होनी है। इसमें अधिकतर पुलिसकर्मी हैं। सभी गवाहों को अदालत की ओर से बयान के लिए नोटिस भेजा गया है। मंगलवार को आमसभा के चलते अदालत में हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र लगा दिया गया था। अब इस मामले में अगली तारीख से गवाही शुरू हो सकती है।