नोटबंदी के फैसले को लागू हुए एक महीना पूरा हो गया है, लेकिन नकदी को लेकर किचकिच अभी भी बरकरार है। एसबीआइ और कुछेक छोटे बैंकों के एटीएम ही चालू रहे, जिन पर सुबह से लेकर देर रात तक कतार बरकरार है। अधिकांश बैंकों की शाखाओं में नकदी की किल्लत बरकरार है। इन सबके बीच अच्छी खबर ये है कि बैंकों में नई करेंसी जमा होने लगी है। दो दिन पहले आरबीआइ से 600 करोड़ की नई करेंसी देहरादून आई थी। हालांकि, एसबीआइ को इसमें से अधिकांश पैसा मिला है। कुछ छोटे बैंकों में भी थोड़ा बहुत पैसा पहुंचा है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं। पीएनबी को इसमें से अभी तक कुछ भी नहीं मिला। पढ़ें-लछमपुर बनेगा उत्तराखंड का पहला कैशलैस गांव, जानिए खासियत एसबीआइ आंचलिक कार्यालय के उप प्रबंधक हरिओम रेखी ने बताया कि जरूरत के हिसाब से शाखाओं को पैसा दिया जा रहा है। पीएनबी के मंडल प्रमुख अनिल खोसला ने बताया कि दो-तीन दिन में नई करेंसी मिलने की उम्मीद है। पढ़ें-नोटबंदी: इस तरह एडजस्टमेंट कर चला रहे हैं घर खर्च, जानिए… इधर-उधर से व्यवस्था कर लोगों को पैसा दिया जा रहा है। नई करेंसी जमा करने में वृद्धि हुई है। अगर ऐसा ही रहा तो जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। हालांकि, उन्होंने ये आंकड़ें नहीं बताए कि नई करेंसी कितनी जमा हुई है। पढ़ें:-पीएनबी के इस एप से करें किसी भी खाते में लेन-देन, जानिए बैंकों के खिलाफ लोगों में गुस्सा लोगों में बैंक प्रबंधनों के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है। पीएनबी एस्लेहॉल मुख्य शाखा में करनपुर निवासी अभिषेक शर्मा ने कहा कि बैंकों के पास पैसा है। लेकिन, वह असरदार लोगों को निर्धारित सीमा के हिसाब से पैसा दे रहे हैं, लेकिन आम आदमी को कभी चार तो कभी छह हजार। गांधी रोड एसबीआइ शाखा से निकल रहे कांवली रोड निवासी अमरजीत सिंह का भी यही कहना था। उन्होंने कहा कि बैंक अपनी व्यवस्था सुधार लें तो समस्या कम हो जाएगी। पढ़ें-गुडलक को एकत्र किए नोट, बैडलक होते देख बैंक में किए जमा कतार में लगे लोगों को पिलाया पानी निरोगी काया सेवा समिति ने सुभाषनगर में एटीएम से नकदी निकालने को कतार में खड़े लोगों को पानी पिलाया और उनके लिए चाय की व्यवस्था भी की। इस दौरान संस्था के अध्यक्ष अनिल सेमवाल, सुनील सेमवाल, संदीप बेंजवाल, राधाकृष्ण सेमवाल, गिरीश सेमवाल आदि मौजूद रहे।