कांग्रेस का अनुसूचित जाति महिला महासम्मेलन हंगामेदार रहा। टिकट की दौड़ में शामिल कार्यकर्ता ने युवाओं को रोजगार दिए जाने के मुद्दे पर स्थानीय विधायक की कार्यप्रणाली पर जमकर सवाल उठाए। इसे लेकर कार्यकर्ता आपस में ही उलझ गए। इसी बीच जाति के सवाल पर पार्टी के बुजुर्ग कार्यकर्ता ने पुरातन सामाजिक प्रथा को सही ठहराते हुए सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया। सम्मेलन में एक स्वर में कार्यकर्ताओं ने पैराशूट प्रत्याशी उतारे जाने पर खुले विरोध का ऐलान भी किया।
रविवार को संस्कृति भवन स्केटिंग हॉल में कांग्रेस अनुसूचित जाति महिला महासम्मेलन का शुभारंभ कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव एसपी सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही दलितों के उत्थान के लिए कार्य किया है। भाजपा व आरएसएस सदा से दलित विरोधी रहे हैं। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी गरीबी को नहीं गरीब को खत्म करने में जुटे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के छात्रों की करीब 2 करोड़ की छात्रवृत्ति पर कुंडली मारी हुई है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से देश का दलित व मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा पीडि़त हैं। भाजपा व केंद्र सरकार को इनसे कोई सरोकार ही नहीं है।
कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील पैनवाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव-2017 में कांग्रेस को जीत सुनिश्चित करने में दलित समाज की भूमिका अहम है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार दलित हित में लगातार बेहतर कार्य कर रही है। विधायक सुंदर लाल मंद्रवाल ने कहा कि प्रदेश की हरीश रावत सरकार दलित समाज के युवाओं के लिए आरक्षित बैकलॉग के पदों पर जल्द ही नियुक्तियां करने जा रही है। कहा कि उत्तराखंड में नई सरकार के गठन में हर वर्ग की बराबर भागीदारी रहेगी।
सम्मेलन की संयोजक मीना बछुवांण ने कहा कि कांग्रेस पार्टी दलित वर्ग के हित में फैसले लेने व नई नीतियों को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह तैयार है। लेकिन सम्मेलन में किसी दलित महिला का सुझाव न देना व मंच साझा न करना पीड़ा देने वाला है। सम्मेलन में जिला उपाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी केशवानंद आर्य ने स्थानीय विधायक पर युवाओं को रोजगार दिए जाने में विफल रहने का आरोप जड़ दिया। इसे लेकर काफी देर तक कार्यकर्ता आपस में उलझते रहे।
सम्मेलन में जाति के सवाल पर बुजुर्ग कार्यकर्ता राम लाल ने कहा कि अपने नाम के आगे सिंह व प्रसाद लगाने वाले कैसे दलित हो सकते हैं। उन्होंने जाति प्रथा को समाप्त करने की मांग करते हुए सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष कामेश्वर राणा, प्रदेश सचिव संगीता रावत, नीलम रावत, नगर अध्यक्ष रेखा भंडारी, ब्लाक प्रमुख पाबौ गेंदा लाल, कैलाश बिष्ट, संजय डबराल, नवल किशोर, गंगा प्रसाद, नाथूलाल टम्टा, नंद किशोर आदि शामिल थे।