ऋषिकेश। मुनिकीरेती कौड़ियाला ईकोटूरिज्म जोन, दुर्घटना संभावित क्षेत्र भी है। यहां वाहन दुर्घटना के अतिरिक्त गंगा में होने वाली दुर्घटना में समय पर रेस्क्यू ना होने के कारण कई लोगों को जान गंवानी पड़ती है। इस सब से बचाव के लिए नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती ने अभिनव पहल की है।गंगा में जल एंबुलेंस संचालित करने की योजना निकाय ने बनाई है। जिसके लिए हंस फाउंडेशन से मदद मांगी गई है। कौड़ियाला से लेकर ऋषिकेश तक गंगा में साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां संचालित होती हैं। जिसमें राफ्टिंग प्रमुख गतिविधि के रूप में शामिल है। राफ्टिंग के दौरान कई हादसे होते हैं। संबंधित व्यक्ति को गंगा से निकालने और एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए जब रेस्क्यू होता है तो उसमें विलंब हो जाता है। जिससे संबंधित व्यक्ति चिकित्सालय पहुंचने से पहले दम तोड़ देते हैं। मुनिकीरेती से लेकर कौड़ियाला तक का क्षेत्र दुर्घटना संभावित क्षेत्र भी कहा जाता है।यहां सड़क दुर्घटना में जब वाहन खाई में गिरते हैं तो घायलों को सड़क तक लाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में पुलिस और प्रशासन को राफ्ट के जरिये घायलों को 10 किलोमीटर आगे पहुंचाकर एंबुलेंस तक लाया जाता है। इस समस्या को देखते हुए नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती ने अभिनव पहल की है। निकाय की मंशा यहां जल एंबुलेंस संचालित करने की है।गंगा में होने वाले हादसों में यह जल एंबुलेंस वरदान साबित होगी। क्योंकि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से 100 मीटर की दूरी पर गंगा में बैराज जलाशय स्थित है। यहां तक जल एंबुलेंस को संचालित किया जा सकता है। इन तमाम संभावनाओं को देखते हुए नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती ने हंस फाउंडेशन से जल एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की मांग की है। निकाय की ओर से माता मंगला और भोले महाराज को गढ़वाल प्रभारी प्रदीप राणा के माध्यम से पत्र भेजा गया है।रोशन रतूड़ी (अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, मुनिकीरेती) का कहना है कि शिवपुरी से लेकर ऋषिकेश तक गंगा में होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए समूचे क्षेत्र के लिए एक जल एंबुलेंस का होना जरूरी है। इसके लिए हमने हंस फाउंडेशन से बात की है। उन्होंने इस पर सैद्धांतिक सहमति भी दी है। इस जल एंबुलेंस का संचालन और रखरखाव पालिका स्वयं करेगी।